असिस्टेट के बूते हो रही सफाई
इटवा : किसी तरह जुगाड़ पर तमाम लोगों ने सफाई कर्मी की नौकरी तो हथिया ली लेकिन अब उन्हे कूड़े कचरे का ढेर उठाना तो दूर गांव में जाना भी नहीं पसंद कर रहे है। कुछ ग्राम पंचायतों में गंदगी को लेकर ग्रामीणों के भारी विरोध पर सफाई कर्मियों ने असिस्टेट रख लिया है। तथा खुद तफरी में जुटे हुए है।
बताते चले कि तहसील क्षेत्र के विकास क्षेत्र इटवा, भनवापुर, व खुनियांव के 271 गांव में कुल 522 सफाई कर्मी नियुक्त है। हालत यह है कि प्रतिमाह लाखों रुपये वेतन के एवज में खर्च होने के बावजूद गांवों में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। साथ ही गांव की नालियां जाम है। बताया जा रहा है इसमें से लगभग डेढ़ सौ सफाई कर्मी ऐसे है जो स्नातक से लेकर परास्नातक उत्तीर्ण है। भारी भाग दौड़ व मसक्कत से नौकरी पाये इन लोगों को अपनी ड्यूटी से मतलब नहीं है। क्षेत्र के रगड़गंज, इटवा, करहिया गोसाई, गनवरिया, बरगदवा, संग्रामपुर, पटखौली, भैसाही जंगल, गोविन्द पुर सहित दर्जनों गांव के लोगों को यह भी नहीं पता है कि उनके गांव में कौन नियुक्ति है। ग्रामीणों में कठेला के राम अशीष, सुमिरन चौधरी, विजय कुमार, दुफेडिया के अनिल सोनी, अनिल पाठक आदि ने कहा कि नियुक्ति के बाद से सफाई कर्मियों के दर्शन नहीं मिले कभी कभार आते भी है तो प्रधान से मिलकर चले जाते है।
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''जहां से शिकायत मिलती है, जांच कर कार्रवाई की जाती है। कई सफाई कर्मियों को लापरवाही में बर्खास्त भी किया जा चुका है। जहां सफाई कर्मी नहीं आते है। ग्रामीण मुझे जानकारी दें स्वयं जांच कर कार्रवाई करुंगा।''
अनिल चौधरी
वीडीओ इटवा
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