जीवन से संघर्ष, मदद की गुहार
सिद्धार्थनगर : बाढ़ से कई गांव में विषैले जीव जंतुओं से खतरा उत्पन्न हो गया है। नेपाल से लगातार
सिद्धार्थनगर : बाढ़ से कई गांव में विषैले जीव जंतुओं से खतरा उत्पन्न हो गया है। नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने से नदियां उफान पर है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था नाकाफी है। धोबहा, गौरडीह सहित कई गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। अभी पहले चरण में प्रशासनिक व्यवस्था फेल हो चुकी है। बाढ़ में फंसे लोग बार-बार मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इन गांवों में प्रशासन की स्टीमर या नाव नहीं पहुंच सकी है।
तहसील क्षेत्र के पांच हजार से अधिक आबादी वाले धोबहा सहित निबुहवा, बौरडीह, पठान डीह, केवटहिया आदि गांव वालों ने बताया कि अभी तक न तो कोई सरकारी मुलाजिम उन तक पहुंचा है, न ही राहत सामग्री। बाढ़ से घिरे लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही है। लोग जीवन और मौत के बीचे संघर्ष करने को मजबूर हैं। पानी से लेकर भोजन तक के लिए लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। गरीब तबके के लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। इन गांवों सहित दर्जनों गांवों की हालत दयनीय है। बाढ़ प्रभावित गरीबों को राहत नहीं मिल पा रही है। गांवों में स्थित भयावाह बनी हुई है।
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बढ़नी से कटा संपर्क
दलपतपुर-परसोहन बांध कटने से दर्जनों गांव जहां पानी से घिरे हैं, वहीं बढ़नी समेत नेपाल जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। सिकरा, बेलहसा, चौखड़िया, डबरा, भगौसा, संग्रामपुर, गौरा मंगुआ, सुहियवा, पकरैला गांव पानी से घिर चुके हैं। इटवा-बढ़नी मार्ग पर स्थित सिकरी नाला, सेमरी, झकहिया रोड पर चार फिट पानी चल रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
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प्रशासनिक मदद नाकाफी
प्रशासन की ओर से राहत वितरण का कार्य चल रहा है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों को सक्रिय किया गया है, ताकि बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज किया जा सके। यातायात पूरी तरह प्रभावित है, लोगों को खाने-पीने की गंभीर समस्या है। पानी में विषैले सर्पों के आ जाने से लोग घबराए हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों में अजित, राम चंदर, राजेश, किशोर, रमजान, निशाद, जयराम, राम मिलन, सत्यनरायन सहित सभी लोगों द्वारा सहायता की फरियाद की जा रही है।
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.बाढ़ से निपटने को पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। चार स्टीमर व दस नाव चल रही हैं। पांच नाव रिजर्व में है। कल एनडीआरएफ की टीम पहुंच जाएगी। राहत सामग्री पैक हो चुकी है, जिसे नाव के सहारे गांवों में पहुंचाया जाएगा। स्थिति अब काफी हद तक नियंत्रण में है।
जुबेर बेग
एसडीएम इटवा