उपेक्षा से बदहाल हुआ तालाब
सिद्धार्थनगर : गत वर्ष जल संरक्षण के लिए जागरण ने तालाब-पोखरे का अस्तित्व बचाने के लिए अभियान छेड़ा थ
सिद्धार्थनगर : गत वर्ष जल संरक्षण के लिए जागरण ने तालाब-पोखरे का अस्तित्व बचाने के लिए अभियान छेड़ा था। साथ ही साथ उपेक्षित तालाबों के कायाकल्प करने का बीड़ा उठा रखा था। इसका असर भी साफ तौर पर दिखाई दिया और बहुत सारे तालाबों के दिन बहुर गए थे। मगर उपेक्षा व देखरेख के अभाव में एक ही वर्ष के अंदर तालाब की तस्वीर फिर पुरानी जैसी होने लगी है।
डुमरियागंज विकास खंड अंतर्गत ग्राम झुझरा स्थित पोखरा भी बरसों दिनों से उपेक्षित पड़ा था। इस पोखरे पर गांव के पशु दिन भर जमे रहते थे। गर्मी में पानी पीने के अलावा पशुओं के नहाने के लिए भी पोखरा काफी कारगर साबित होता था। पिछले कई सालों से पोखरा उपेक्षित पड़ा था, जिसके कारण गर्मी शुरू होने से पहले ही पोखरा पूरी तरह सूख जाता था। ऐसे में पशु-पक्षियों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा था। पिछले पर्ष पोखरे पर सुंदरीकरण कार्य कराया गया। इसके बाद फिर तालाब की ओर मुड़कर जिम्मेदारों द्वारा नहीं देखा गया। जिसकी वजह से पोखरा उपेक्षित हो गया। वर्तमान में स्थिति ये है कि पोखरा के किनारे-किनारे घास उग आई है। प्रशासन के निर्देश के बाद भी इसमें पानी नहीं भराया गया, वह तो भला हो, कि कुछ दिन पहले थोड़ी बारिश हो गई, जिससे पोखरे में थोड़ा-बहुत पानी इकट्ठा हो गया। परंतु तालाब की सुंदरता गायब हो चुकी है। ग्रामीणों की मानें तो यदि पोखरे की देखरेख की गई होती, तो शायद इतने जल्दी ये फिर से बदहाली के कगार पर न पहुंच गया होता।