मां पर निर्भर होता है बच्चों का भविष्य
सिद्धार्थनगर : 14 मई सन 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया निवासी अन्ना जार्विस ने अपनी मां की याद
सिद्धार्थनगर : 14 मई सन 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया निवासी अन्ना जार्विस ने अपनी मां की याद में मातृ दिवस मनाकर इसकी शुरुआत की थी। तभी से पूरी दुनिया में यह मदर्स डे के नाम से मनाया जाता है। किसी भी बच्चे का भविष्य ज्यादातर उसकी मां के मार्गदर्शन पर टिका होता है। बच्चों की सफलता का पैमाना यह दर्शाता है कि इसके पीछे उसकी मां ने कितना त्याग किया है?
उक्त बातें जिलाधिकारी की पत्नी अंकिता सहाय ने कही। वह शनिवार को शेमफोर्ड फ्यूचरिस्टिक स्कूल में आयोजित मदर्स डे कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। कहा कि पहली बार मैं किसी विद्यालय के कार्यक्रम में आई हूं और यह संयोग ही है कि इस विद्यालय का भी यह पहला कार्यक्रम है। सभी को मातृ शक्ति का सम्मान करना चाहिए, तभी समाज में तरक्की और खुशहाली संभव है। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य सजी थामस ने भी इसकी महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर मौजूद माताओं को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित भी किया गया। विद्यालय के नौनिहाल बच्चों ने गीत, संगीत, नृत्य, नाटक एवं अपने अनुभव सुनाकर मातृ शक्ति को नमन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूरा मंच जीवंत हो उठा। शास्वत, आरूषि, आस्था, कुमुद, अक्षांश, आर्यन ¨सह, वैभवी व मोनिस का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। नौनिहालों ने बंद आंखों से भी चूड़ियों की खनक सुन अपनी मां को पहचान लिया। उप प्रधानाचार्य जसमीत सिक्खो की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक नितिन श्रीवास्तव, डा. वंदना ¨सह, अनुराग गोयल सहित तमाम माताएं व अभिभावक मौजूद रहे।