37 अफसरों को सैलाब रोकने का जिम्मा
कैचवर्ड : प्रशासन एलर्ट - पिछले साल कट गए थे तीन बांध - दो बांध के लिए शासन से मिला धन रत्नेश
कैचवर्ड : प्रशासन एलर्ट
- पिछले साल कट गए थे तीन बांध
- दो बांध के लिए शासन से मिला धन
रत्नेश शुक्ल, सिद्धार्थनगर :
मानसून अभी दूर है पर प्रशासन ने उससे निपटने की गंभीर तैयारी शुरू कर दी है। जनपद के 37 बांधों का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। पिछले साल जहां बांध कटे थे, उस पर विशेष फोकस की कार्ययोजना पाइपलाइन में आ चुकी है। दो बांधों को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। तो जिलाधिकारी ने हर बांध के लिए एक सक्षम अफसर को तैनात करने की योजना तैयार किया है। बकौल डीएम, सोमवार से ये अफसर मानसून समाप्त होने तक अपने बांध के जिम्मेदार होंगे। यानी कि इन्हें हर हाल में सैलाब रोकना ही होगा।
बाढ़ से निपटने की तैयारियां अभी प्रारंभिक अवस्था में भले ही हैं पर संकेत स्पष्ट हैं कि इस बार चूक के लिए गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। शुरूआत डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बुधवार से की। उन्होंने बाढ़ खंड के दो डिवीजन से जनपद के सभी बांधों की कुंडली मांग ली। उनके पास पहुंचे डिटेल में बांधों की लंबाई, गैप, संवेदनशील स्थल, पूर्व के कटान स्थल, कमजोर स्थल, मरम्मत योग्य स्थान सहित वो सभी जानकारियां हैं जिन्हें समय रहते दुरुस्त करने पर बड़े संकट से बचा जा सकता है।
इधर, बाढ़ खंड के एक डिवीजन के पास 22 और दूसरे डिवीजन के पास 15 बांध है, यानी कि कुल 37 बांध और इन्हें चौकस निगरानी के दायरे में लाने के लिए हर बांध पर एक सक्षम अफसर की तैनाती बतौर नोडल की जाएगी। डीएम ने बताया कि नोडल अफसर सोमवार से अपने बांध के जिम्मेदार हो जाएंगे। इनके साथ कुछ विभागों के फील्ड स्टाफ भी लगाए जाएंगे। नोडल अफसरों का काम होगा बांध की मजबूती से लेकर संभावित बाढ़ के दौरान किए जा सकने वाले सभी आवश्यक उपायों का प्रबंध करना।
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इनसेट
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मिला दो बांध का धन
डीएम के अनुसार पिछली बार शोहरतगढ़ क्षेत्र में बानगंगा- एफ्लेक्स बांध टूटा था जबकि रिसाव के बाद सूपा-चेतिया बांध भी कट गया था। इसके अलावा बेतनार में भी लीकेज हुई थी। शासन ने दोनों प्रमुख बांध को मजबूत करने के लिए धन दे दिया है। संबंधित विभाग बहुत जल्द उस दिशा में काम शुरू करने वाला है।
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इनसेट
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टूटा था बांध इस बार सतर्क
बानगंगा-एफ्लेक्स बांध पिछली बार कट गया था। इस बांध की लंबाई 11.200 किलोमीटर है। लाभान्वित क्षेत्रफल है आठ हजार हेक्टेयर है। दूसरा बांध कटा था ककरही-गोनहा बांध। इसकी लंबाई 10.700 किलोमीटर है। लाभान्वित क्षेत्रफल 1995 हेक्टेयर है। ड्रेनेज व निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंताओं के अनुसार शासन से अभी धन नहीं मिला है। हांलाकि टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।