सख्ती बेअसर, पकड़े गए चार नकलची
सिद्धार्थनगर : शासन चाहे लाख कोशिश कर ले, वह अपने हिसाब से ही काम करेंगे। शासन एवं जिलाधिकारी का फरम
सिद्धार्थनगर : शासन चाहे लाख कोशिश कर ले, वह अपने हिसाब से ही काम करेंगे। शासन एवं जिलाधिकारी का फरमान भी बेअसर साबित हो रहा है। हालत यह है कि बोर्ड परीक्षा मजाक बन कर रह गई है। खुद माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनरायन गुट ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा की कमान पूरी तरह माफियाओं के हाथ में है। उन्होंने तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात एक लिपिक पर सीधे आरोप लगाया है कि उसी की साठ-गांठ से यह पूरा खेल चल रहा है। बारीकी से यदि देखा जाए तो गत दिनों जिलाधिकारी की जांच में जिस बड़े पैमाने पर नकल उजागर हुई, उससे माशिसं की इस बात को बल मिलता है।
शनिवार को प्रशासन की सक्रियता का आलम यह रहा कि प्रथम पाली में लगाई गई पूरी मशीनरी खाली हाथ रही। किसी के हाथ कोई सफलता नहीं लगी। द्वितीय पाली में इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान भी जिला विद्यालय निरीक्षक को छोड़ बाकी खाली हाथ रहे। केवल उन्हीं के हाथ चार नकलची धराए। परीक्षा के शुरूआती दौर से ही यह ट्रेंड कायम रहा है। केवल डीआईओएस को ही सफलता मिलती रही है। यह महज एक इत्तफाक नहीं हो सकता। इसके निहितार्थ कुछ और ही हैं।
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मैं जिस केंद्र पर जाता हूं, पूरी बारीकी के साथ जांच करता हूं, इसलिए मुझे सफलता मिल जाती है, जबकि बाकी लोग केवल खानापूर्ति कर चले आते हैं, इसलिए उनको सफलता नहीं मिलती है। यदि बारीकी से जांच करें, तो उनको भी सफलता मिलेगी।
सोमारू प्रधान
जिला विद्यालय निरीक्षक
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