मांगा पिछली सरकारों का ब्यौरा, हिदायत
सिद्धार्थनगर: सूबे का निजाम बदलते ही जिलाधिकारी भी एक्शन में आ गए हैं। गुरुवार को उन्होंने सड़क निर्म
सिद्धार्थनगर: सूबे का निजाम बदलते ही जिलाधिकारी भी एक्शन में आ गए हैं। गुरुवार को उन्होंने सड़क निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्थाओं की क्लास लगाई। बीते पांच से दस वर्ष तक की योजनाओं, कराए गए कार्यों का विस्तृत विवरण मांगा। बैठक से एनएच गोरखपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई और उन्हें शुक्रवार की शाम तक सभी आवश्यक अभिलेखों के साथ आने की चेतावनी जारी कर दी। उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि यदि किसी के भी कार्य में कोई भी अनियमितता पाई गई तो मुकदमा दर्ज करा देंगे।
विकास भवन सभागार में डीएम ने अपनी अध्यक्षता में हुई बैठक को संबोधित करते कहा कि एनएच 233 बस्ती के प्रोजेक्ट मैनेजर भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए अनुबंध और उसकी समय सीमा के साथ ही प्राप्त धनराशि का विवरण कल तक उपलब्ध कराएं। साथ ही 28 मार्च तक प्रत्येक दशा में रायल्टी की धनराशि जमा कर दें। निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में भूमि अधिग्रहण व उसके मुआवजे की धनराशि से संबंधित कोई बाधा हो तो अवगत कराएं। एनएच गोरखपुर द्वारा कराए जाने वाले उसका- शोहरतगढ़- बढ़नी मार्ग का विवरण भी उन्होंने कल तक तलब किया है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के तीनों खंड के अधिशाषी अभियंताओं से विगत पांच वर्ष में प्राप्त स्वीकृत प्रोजेक्टों का संपूर्ण विवरण भी मांगा है। ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशाषी अभियंता अभय शंकर ¨सह को निर्देश दिया कि विगत दस वर्ष के दौरान शासन से प्राप्त बजट आवंटन के सापेक्ष और निर्माण कार्यों पर व्यय धनराशि का विवरण अभिलेखों सहित प्रस्तुत करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी के काम में कोई अनियमिता पायी गयी तो संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्र, लोनिवि बांसी- इटवा खंड के अधिशाषी अभियंता भूपेश मणि त्रिपाठी, इंडो नेपाल बार्डर के श्रीराज, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश कुमार ¨सह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नसीम अहमद सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।