12 लाख में भी नहीं लगा सचिवालय का दरवाजा
सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड के ग्राम धरमपुरवा में बना मिनी सचिवालय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा है।
सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड के ग्राम धरमपुरवा में बना मिनी सचिवालय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा है। 12 लाख से अधिक की धनराशि से बना यह सचिवालय अभी पूरी तरह से अपूर्ण है और काम पूर्ण मान जिम्मेदार घर बैठ गये हैं। आलम यह है कि अभी तक न तो कुर्सी तक मिट्टी पटी है और न दीवारों का पलस्तर ही हुआ है। कहना गलत न होगा कि बिना दरवाजे व जंगले के यह सचिवालय अब अराजक तत्वों का अड्डा भी बन रहा है। वीराने में बने इस सचिवालय के अब चौखट बाजू भी गायब हो रहें है और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से आंखे बंद किये हुए है। जिम्मेदारों की इस अनदेखी से अब ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
2012 मार्च से सचिवालय का शुरू हुआ निर्माण कार्य छह माह बाद आधे अधूरे में ही बंद हो गया। सत्यता है कि भवन में रंगाई पुताई को कौन कहे फर्स, पलस्तर, दरवाजे व खिड़की पल्ले तथा कुर्सी की पटाई आदि तक नही हुई। इसके हर कमरे में मौजूद 5-5 फिट के गढ्डे जंगली जानवरों का अड्डा बन गया है। यही नही यह अराजक तत्वों का भी अड्डा बना हुआ है। जिसको लेकर ग्रामीणों में भय भी पैदा हो रहा है। जानकारों की मानें तो इस सचिवालय के निर्माण के लिए आया धन पूरा पैसा इसके निर्माण कर्ता निकाल लिए है। यहां के ग्रामीण राम किशुन, लौटू राम, शेख मोहम्मद, बंदे, सजालू आदि का कहना है कि साहब यह सचिवालय नहीं बल्कि हम लोगों के लिए एक मुसीबत का घर है। रात में इधर से गुजरने में डर लगता है।
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मामला फिलहाल मेरे संज्ञान में नहीं है, पर अगर ऐसा है तो स्वयं जाकर उसकी जांच करूंगा। भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो कार्यवाही की संस्तुति करूंगा।
अनिल कुमार चौधरी
प्रभारी बीडीओ, मिठवल