सात दिन: सोचेगा मन, झूमेगा तन
सिद्धार्थनगर: रचनात्मकता के त्योहार के रूप में स्थापित होता जा रहा सात दिवसीय नवोन्मेष नाट्य उत्सव
सिद्धार्थनगर: रचनात्मकता के त्योहार के रूप में स्थापित होता जा रहा सात दिवसीय नवोन्मेष नाट्य उत्सव इस बार भी अनूठी प्रस्तुतियों के साथ जलवा बिखेरने की तैयारी में है। 20 अक्टूबर से लगातार सात शाम हर रोज सोच, आनंद, संकल्प, उत्साह और मानव उद्देश्यों के विश्वास की जड़ों को मजबूत करेगी। इस बार उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य के सिद्धहस्त रंगमंचीय कलाकार नामी गिरामी विषयों पर केंन्द्रित मंचन करेंगे।
स्थान होगा लोहिया सभागार। पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी आयोजन को भव्यतम स्वरूप देने के लिए आयोजन समिति ने कमर तोड़ मेहनत शुरू कर दी है। उत्सव के कर्ताधर्ता व नवोन्मेष के मुखिया विजित ¨सह के मुताबिक कई वर्षों से बदस्तूर जारी रंगोत्सव की यह यात्रा इस बार विविधताओं से युक्त होगी। यूं तो सांझ ढले ही मंच लकदक करता था मगर इस बार दिन के आयोजन भी निर्धारित किए गए हैं। उनमें सम-सामयिक, समाजिक विषयों पर लब्ध प्रतिष्ठ जानकारों का ओपन फोरम, विचारोत्तेजक मसलों पर विमर्श, बच्चों की रचनात्मकता पर आधारित कार्यक्रम शामिल हैं।
बकौल विजित संस्था की कन्या भ्रूण हत्या पर बुनी गई जग प्रसिद्ध ओ री चिरैया का मंचन तो होगा ही दिल्ली टीम का गगन दमामा बाज्यो, बिहार राज्य के पटना की टीम का तीसरी कसम, मध्य प्रदेश के भेपाल की टीम का होई हैं वहीं जो राम रचि राखा, इसी प्रदेश के जबलपुर टीम का एक और दुर्घटना, उत्तराखंड के देहरादून की शुद्धि और इलाहाबाद की टीम का एक्ट विदाउट लाइट का चित्ताकर्षक मंचन होना है।