आठ लाख खर्च और केन्द्र लावारिस
सिद्धार्थनगर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा के अधीन एंगडेगवा में स्थित जच्चा-बच्चा केंद्र की वि
सिद्धार्थनगर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा के अधीन एंगडेगवा में स्थित जच्चा-बच्चा केंद्र की विभाग को ¨चता नहीं है। 8 लाख की लागत से 10 वर्ष पूर्व इसे क्षेत्र की गर्भवती व महिलाओं व शिशुओं की देखभाल के लिए इसे निर्मित तो कराया गया, पर निर्माण काल से लेकर आज तक इस पर उपेक्षा की धूल ही जमी रही।
वर्तमान में यह अब अराजक तत्वों का अड्डा बन गया है। इसकी वर्तमान स्थिति खंडहर से कम नहीं है। जंगले, खिड़कियां गायब हो चुकी हैं। चारों तरफ उगी झाड़ियों से इसकी स्थिति वियाबान हो चुकी है। सायं होते ही इसमें जुआरियों व शराबियों का ठिकाना हो जाता है। जब इसका निर्माण हुआ तो करही, बगही, एगडेगवा, कपियवा, मुडिला, मसैइचा, रिऊना, बरैनिया आदि दर्जनों गांवों की महिलाओं को लगा कि अब प्रसव के दौरान 12 किमी दूर खेसरहा सीएचसी जाने से निजात मिल जायेगी। उनके इस विश्वास को विभाग ने तोड़ दिया। यहां तैनात गांव में टीकाकरण के दिन जब आती हैं तो किसी व्यक्ति के मकान पर बैठ कर टीका लगा वापस चली जाती हैं। राकेश मिश्र, कमलेश, शीतल, ओमकार, हरिगो¨वद आदि का कहना था कि एएनएम सेंटर को चालू कराने की कई बार विभाग से गुहार लगाई गई पर विभाग है कि वह आंख-कान दोनों बंद किए बैठा है। सीएचसी प्रभारी एमएन त्रिपाठी का कहना है कि एएनएम टीकाकरण के दिन भी यदि सेंटर पर नहीं बैठती हैं तो किसी दिन हम आकस्मिक जांच कर पता कर लेंगे और सही मिला कार्रवाई तय हैं।