बेटे की मौत से टूटे बाप को मिल रही धमकी
सिद्धार्थनगर: सिर्फ 22 रोज हुए थे उसे यहां आए। तेइसवें दिन राप्ती में उसकी लाश मिली। चेहरा ऐसे झुलसा
सिद्धार्थनगर: सिर्फ 22 रोज हुए थे उसे यहां आए। तेइसवें दिन राप्ती में उसकी लाश मिली। चेहरा ऐसे झुलसा था जैसे तेजाब डाला गया हो। सिर के पीछे सरिया घुसेड़ने के निशान थे। जीभ कटी हुई, आंखे बाहर की ओर निकली हुई। जब तक बेटे के शव को अंतिम बार देखने पहुंच पाता उसका क्रिया कर्म हो गया। साहब, उसकी हत्या की गई है। बाइसवें दिन रात ढाई बजे फोन पर हुई बातचीत में वह घबराया हुआ था। कह रहा था कि वो लोग उसे मार देंगे। साहब, इंसाफ दिला दें। दरोगा जी तो उल्टे हमें ही फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
यह दर्द बयां किया त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ¨सगारजोत गांव निवासी अखिलेश कुमार गुप्ता ने जिसके जवान बेटे की लाश राप्ती में पाई गई। अपर पुलिस अधीक्षक के सामने हाजिर होकर यह बाप फफक पड़ा। बोला कि हुजूर, हम बाप बेटा मुंबई में एक साथ एक ही जगह पर प्राइवेट नौकरी करते थे। 24 जुलाई को वो यहां आया था। 16 अगस्त को उसका वापसी का ट्रेन रिजर्वेशन था। मगर, ट्रेन पर बैठने की नौबत ही नहीं आई। अखिलेश के मुताबिक असल में उसके बेटे दीपक का चक्कर एक विजातीय किशोरी से हो गया था। लड़की के घरवाले जो काफी दबंग हैं ने दीपक को खोजना शुरू किया और मौत के घट उतार कर नदी में फेंक दिया। दबंगों का इतना प्रभाव है कि स्थानीय पुलिस ने भी आनन फानन में पंचनामा कर पीएम करवाया और मेरे यहां पहुंचने से पहले ही अंतिम संस्कार करा दिया। इस बाप की दलील है कि पीएम रिपोर्ट झूठी है। तहरीर लेकर दौड़ रहा हूं मगर थानेदार साहब मदद करने के बजाय मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर भगा दे रहे हैं।
थानाध्यक्ष ओमप्रकाश चौबे ने कहा कि आशनाइ का न तो कोई साक्ष्य है न ही गवाह। पीएम रिपोर्ट में भी स्पष्ट है कि दीपक की मौत पानी में डूबने से हुई है। किसी के ऊपर आरोप लगा देने से भर अपराध थोड़े न बन जाता है। अखिलेश अगर किसी की इज्जत यूं ही उछालता रहेगा तो उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लूंगा। उधर, एडिशनल एसपी ने इस बावत सीओ डुमरियागंज को दिशा निर्देश दिए है।