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अगस्त में सत्र परीक्षा, सितंबर में मिलेंगी किताबें

सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए ¨चतन एवं मंथन तो किया जाता ह

By Edited By: Published: Thu, 21 Jul 2016 09:56 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jul 2016 09:56 PM (IST)
अगस्त में सत्र परीक्षा, सितंबर में मिलेंगी किताबें

सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए ¨चतन एवं मंथन तो किया जाता है, परंतु जब व्यवस्था की बात है तो जिम्मेदार कितना गंभीर रहते हैं, इसका अंदाजा नि:शुल्क पुस्तक वितरण व्यवस्था में देखा जा सकता है। शिक्षा का नया सत्र अप्रैल में ही शुरू हो चुका है, परंतु अभी तक बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। शासन स्तर पर किताबों के वितरण की जो समय सारिणी जारी की गई है, उसके अनुसार पांच अगस्त से सितंबर तक पूरी किताबें दिए जाने का आदेश है, जबकि सत्र परीक्षा अगस्त में ही प्रारंभ होगी, मतलब कि बिना किताब के ही इस बार छात्र-छात्राएं सत्र परीक्षा में शामिल होंगे।

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परिषदीय विद्यालय समेत माध्यमिक एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा आठ तक नि:शुल्क पुस्तकें सरकार द्वारा देने का प्रावधान है। शिक्षा सत्र अप्रैल में ही शुरू हो चुका है और अब सत्र परीक्षा की तिथि भी नजदीक आ गई है, जो अगस्त महीने में होनी है। इसका मतलब इस बार लाखों बच्चे बिना पढ़े ही यूनिट टेस्ट देंगे। ऐसा इसलिए है कि क्योंकि शासन ने किताबों के वितरण की जो समय सारिणी जारी की है उसमें सभी वर्गो की भाषा एवं गणित की किताबों के लिए आपूर्ति तिथि पांच अगस्त 2016 तथा सभी वर्गो के लिए शेष किताबों के लिए आपूर्ति की अंतिम तिथि 19 सितंबर निर्धारित की है, इसके अलावा सभी कार्य पुस्तिकाओं की आपूर्ति की अंतिम तारीख चार अक्टूबर 2016 निर्धारित की है। ऐसी स्थिति में आठवीं तक के बच्चों का कोर्स कैसे पूरा होगा, यह शिक्षा विभाग में उच्च पदों पर बैठे अफसरों एवं शासन के जिम्मेदारों के लिए सोचनीय विषय है।

सर्वशिक्षा अभियान एवं राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। इस बार किताबों की छपाई के लिए तैयार की गई नीति के खिलाफ मामला उच्च न्यायालय में चला गया, जिसका फैसला मई के अंत में आया। नतीजा जून में किताबों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया हुई और जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रकाशकों से अनुबंध किए जाने की कार्रवाई शुरू हुई। जिसके चलते पुस्तकों के प्रकाशन में काफी देरी हुई। अप्रैल में शुरू हुए शिक्षा सत्र के बाद जुलाई में तो स्कूल फिर से खुल गए, मगर बच्चों के पास किताबें हैं ही नहीं, यही वजह है कि विभाग के तमाम प्रयास के बाद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति या तो आधे से भी कम रहती है, अथवा कहीं-कहीं न के बराबर रहती है। अब यहां सवाल ये उठता है कि सत्र परीक्षा की शुरूआत अगस्त में होती है। उसके बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह या फिर दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक अ‌र्द्ध वार्षिक परीक्षाएं होती है। परिषद ने प्रत्येक माह के अनुसार पाठ्यक्रम विभाजित कर रखा है, ऐसे में जब किताबें देर से मिलेंगी तो कोर्स कैसे पूरा होगा और बच्चे परीक्षा कैसे दे सकेंगे। फिलहाल इसका जवाब जिम्मेदार भी देने में आना-कानी कर रहे हैं।

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निश्शुल्क पुस्तकें वितरण की सारिणी जारी हो चुकी है। भाषा व गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय की किताबें पांच अगस्त तक आ जाएंगे, इसके बाद शेष सारी पुस्तकें भी जल्द उपलब्ध हो जाएंगे। जहां तक कोर्स की बात है, तो पुरानी किताबें बच्चों में उपलब्ध कराकर उन्हीं से शिक्षण कार्य लेने हेतु निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

अर¨वद कुमार पाठक,

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी


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