कराह रही स्वास्थ्य सेवा, झोलाछाप की पौ बारह
सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों
सिद्धार्थनगर :
तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों के अभाव एवं सुविधाओं का टोटा होने के कारण जगह-जगह झोलाछाप डाक्टरों की पौ बारह है। बिना डिग्री व रजिस्ट्रेशन दर्जनों की संख्या में डाक्टर अपनी-अपनी क्लीनिक खोल कर क्षेत्रीय मरीजों का शोषण कर रहे हैं।
शासन द्वारा झोलाछाप डाक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की बात तो की जा रही है लेकिन तहसील इलाके में किसी झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई कौन कहे, इन पर अंकुश लगाने हेतु कभी जांच अभियान तक नहीं चलता है। बताते चलें कि पिछले कई महीनों से डुमरियागंज क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं कराह रही हैं। कहने तो यहां दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व आधा दर्जन से ऊपर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। मगर एक-दो अस्पताल को छोड़ दिया जाए तो हर जगह सुविधाओं का अभाव है। चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवाओं की बात कौन करे विशेषज्ञ चिकित्सक खोजने पर नहीं मिलेंगे। दोनों सीएचसी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है तो अन्य पीएचसी भी ग्रामीणों के विश्वास पर खरे नहीं उतर रहे है। स्वास्थ्य के लिए सरकारी व्यवस्था फेल रहने की वजह से ही झोलाछाप डाक्टर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं। झोलाछाप डाक्टर द्वारा गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने का दावा किया जाता है। नाजुक स्थिति में कोई मरीज उनके यहां पहुंचता है तो मोटी रकम डकारने की गरज से वह मरीज को रेफर नहीं करते हैं और अपने यहां ही इलाज शुरू कर देते हैं, जब कभी स्थिति आपे से बाहर हो जाती है तो फिर बस्ती, गोरखपुर, लखनऊ ले जाने की सलाह देते हैं ऐसे में कई बार मरीजों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ जाता है।
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क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों के विरुद्ध इधर जांच अभियान चलाया जाना है। शीघ्र ही तहसील क्षेत्रों में टीम गठित कर सघन जांच कार्यक्रम चलाया जाएगा। जो भी अवैध प्रैक्टिस करते पकड़ा गया, उसके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।
डा. राजेन्द्र कपूर
मुख्य चिकित्साधिकारी