बसडिलिया तालाब को वीडीओ ने लिया गोद
सिद्धार्थनगर : गहरा तल और जल से लबालब। हर तरफ हरियाली पैगाम दे खुशहाली का। वृक्षों की छांव में गांव
सिद्धार्थनगर : गहरा तल और जल से लबालब। हर तरफ हरियाली पैगाम दे खुशहाली का। वृक्षों की छांव में गांव की गाय अपनी प्यास बुझाएं। तालाब से टकरा कर आगे बढ़ने वाली ठंडी हवाएं किनारे बैठे लोगों का सुकून का आभास दें। लोग सुबह इसके किनारे टहले तों न ताजगी व सेहत की सौगात लेकर लौंटे। तालाब को लेकर कुछ ऐसे भाव हैं खंड विकास अधिकारी सदर के.डी.गोस्वामी के। माह भीतर ही उनके विचारों की झलक बसडिलिया तालाब की शक्ल में देखने को मिलेगी। मधुकरपुर ग्राम पंचायत के इस तालाब को उन्होंने गोद लिया है।
अपने संरक्षण में तालाब का विकास कर वह सभी गांवों के लिए एक नजीर प्रस्तुत करेंगे आदर्श जलाशय का। उनका मानना है कि ग्राम प्रधान यदि ठान लें तो गांव के मवेशियों के लिए वह न सिर्फ पानी का इंतजाम कर सकते हैं, बल्कि ग्रामीणों को एक पर्यटकीय स्थल की सौगात दे सकते हैं। गुरुवार को तालाब का निरीक्षण करने आए वीडीओ के.डी.गोस्वामी भी कार्य से प्रभावित हुए हैं। कहा कि यह प्रारंभिक स्तर है। निश्चित रूप से इसमें मनरेगा में लगे लोगों के साथ ग्राम प्रधान की मेहनत भी शामिल होगी। उनके द्वारा रोजाना इसकी निगरानी की जाती होगी, मगर इसे और बेहतर स्वरूप दिया जा सकता है। तालाब बेहतर होगा तो वह न सिर्फ बेजुबानों की प्यास बुझाएगा, बल्कि तापमान को नियंत्रित कर ग्रामीणों को सेहत की सौगात देगा। ऐसे में हर ग्रामीण को चाहिए कि वह इसकी स्वच्छता पर ध्यान दें। ग्रामीण मन से कार्य करें। यह विकसित हुआ तो गांव के लिए आय का बड़ा साधन भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि तालाब के किनारे बांध का निर्माण कराएंगे। किनारे ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि लोग टहलने के साथ जरूरत पड़ने पर बैठकर दो पल आराम कर सकें। प्रधान प्रतिनिधि पंकज मिश्र का कहना है कि पिछले आठ वर्षों से इस तालाब पर कोई काम नहीं हुआ है। तालाब के बगल में आईटीआई विद्यालय व उद्यान विभाग की नर्सरी है। इसके किनारे एक तरफ से हरियाली की व्यवस्था उद्यान विभाग से की गई है। किनारों पर ग्राम पंचायत से कार्य होगा।