जल संरक्षण के लिए और बढ़े हाथ
सिद्धार्थनगर : बरसात के जल का अधिक से अधिक संरक्षण हो सके, जागरण के इस मुहिम में कई लोग शामिल हो
सिद्धार्थनगर :
बरसात के जल का अधिक से अधिक संरक्षण हो सके, जागरण के इस मुहिम में कई लोग शामिल हो रहे हैं। जागरण द्वारा गोद लेकर उपेक्षित तालाबों के दिन फिर से लाने के प्रयास का असर है कि अब लोग स्वयं जागरुक होकर तालाबों की महत्ता को समझने लगे हैं।
खुनियांव विकास खंड के ग्राम पंचायत ऊंचडीह के राजस्व ग्राम कपियवा के पश्चिम स्थित तालाब की खोदाई शुरू हो गई है। मनरेगा के तहत हो रहे कार्य को देखकर हर कोई यह कहने से नहीं चूक रहा कि जागरण के जागरुकता अभियान के चलते अस्तित्व खोने के कगार पर पहुंच रहे तालाबों को नया जीवन मिल रहा है। करीब एक हेक्टेयर भूभाग में फैला यह तालाब कभी लबालब हुआ करता था। मगर कई वर्षो से सफाई के अभाव में गाद से पट चुका तालाब असमय पानी बिन सूना हो जाया करता था। कई गांवों के बीच स्थित तालाब से पशु पक्षी अपनी प्यास बुझाते थे, वहीं बरसात न होने पर लोगों के खेतों की ¨सचाई का उचित माध्यम हुआ करता था। गहराई इतनी थी वह कभी सूखता ही नहीं था। मगर जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते धीरे-धीरे गहरा पोखरा समतल होने के कगार पर पहुंच गया था। प्रधानपति रमेश तिवारी का कहना है कि जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान को देखकर उक्त तालाब के सुंदरीकरण की बात मन में आयी। सौ से अधिक मनरेगा मजदूरों को लगा दिया गया है। इससे जहां लोगों को रोजगार मिल रहा है, वहीं आने वाले बरसात के पानी का अधिक से अधिक संरक्षण होगा। तालाब खोदाई पूरा होने के बाद उसमें पानी की व्यवस्था भी कराएंगे।