काश! पार्क पर पड़ती जिम्मेदारों की नजर
सिद्धार्थनगर : स्थानीय नगर पालिका द्वारा राप्ती तट पर बच्चों के खेलने के लिए बनवाया गया पार्क पियक्क
सिद्धार्थनगर : स्थानीय नगर पालिका द्वारा राप्ती तट पर बच्चों के खेलने के लिए बनवाया गया पार्क पियक्कडों व मनचलों का अड्डा बन गया है। मनोरंजन के लिए शाम- सुबह अपने बच्चों के साथ यहां आने वाली महिलाएं अब पार्क में आने से कतराने लगी हैं।
राप्ती तट पर स्थित रानी मोहभक्त लक्ष्मी घाट के बगल में चार लाख की लागत से झूले, बेंच स्लिप व बैठने के लिए बेंच आदि लगवा बच्चों के मनोरंजन के लिए अगर एक पार्क का निर्माण भी हुआ तो उसपर भी साम होते मनचलों व शराबियों का कब्जा हो जाता है। नपा द्वारा अब से तीन माह पूर्व जब इस पार्क का निर्माण हुआ तो नगर के बच्चे के साथ सुबह-साम घरों की महिलाएं भी यहां आने लगी थी जिससे लोगों को मनोरंजन का एक साधन मुहैया होने लगा था। मगर इधर नपा प्रशासन की लापरवाही मानें या पुलिस की उदासीनता, पार्क में घरों की महिलाएं ही नहीं अब नन्हे मुन्नों की किलकारियां भी नही सुनाई देती है। यहां कोई अपने बच्चों को नही भेजना चाहता है। कोतवाल शमशेर बहादुर ¨सह का कहना है कि हमें कुछ शिकायतें मिली थी जिसपर मैं सुबह सायं दो सिपाहियों को सादे वर्दी में पार्क की निगरानी में लगाये रहता हूं। किसी दिन भी कोई मिला तो कार्रवाई तय हैं।