अरसे बाद पोखरे को मिल रहा नया जीवन
सिद्धार्थनगर : जागरण द्वारा चलाये जा रहे तलाश तालाबों की अभियान की सफलता के लिए कई हाथ उठ खड़े हु
सिद्धार्थनगर :
जागरण द्वारा चलाये जा रहे तलाश तालाबों की अभियान की सफलता के लिए कई हाथ उठ खड़े हुए हैं। गोद लिए गए तालाबों के अलावा कई ऐसे पोखरों को जीवन देने का काम किया जा रहा है, जो अरसे से उपेक्षित थे। अब इन पोखरों को नया जीवन मिलता तय दिख रहा है।
भनवापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर में स्थित पोखरा पंद्रह साल से उपेक्षित था। उस पर कभी न तो मनरेगा से काम कराया गया और न ही श्रमदान द्वारा। किसी स्वयंसेवी संगठन व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न दिए जाने से पोखरे का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच चुका था। मगर जागरण के अभियान को देखते हुए ग्राम प्रधान मो. शरीफ ने हाथ बढ़ाते हुए उसके उद्धार के लिए मनरेगा मजदूरों को लगा कर उसे पहले जैसा बनाने में जुट गए हैं। प्रधान ने ग्रामीणों संग बैठक कर पहले कार्ययोजना तैयार की, साथ ही जल संरक्षण के बारे में लोगों को बताया। कहा कि गिरते भूगर्भ जल स्तर के चलते पानी संकट का सामना करना पड़ रहा है। ताल पोखरों की गहराई कम होने से समय से पहले ही पानी विहीन हो जाते हैं। ऐसे में बरसात के जल को संरक्षित करने के लिए पोखरों को नया जीवन देना ही होगा। ग्राम प्रधान ने बताया कि दो दिन से काम चल रहा है, इधर शादी ब्याह के चलते कम मजदूर मिले हैं, मगर इनकी संख्या बढ़ाकर शीघ्र ही खोदाई पूरी करा दिया जाएगा। जागरण का प्रयास काफी सराहनीय है।