पुल क्षतिग्रस्त, सांसत में यात्री
सिद्धार्थनगर : तथागत की माटी को राम और कबीर की नगरी से जोड़ने वाला एकमात्र नौगढ़-बांसी-बस्ती मार्ग श
सिद्धार्थनगर : तथागत की माटी को राम और कबीर की नगरी से जोड़ने वाला एकमात्र नौगढ़-बांसी-बस्ती मार्ग शनिवार को बंद कर दिया गया। नौगढ़ और बांसी के बीच क्षतिग्रस्त ककरही पुल को रिपेयर करने के लिए इसे बंद किया गया है। मरम्मत कार्य पूर्ण होने पर एक सप्ताह में वाहनों का आवागमन शुरू होने की उम्मीद है। छोटे वाहनों के लिए बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। इसके चलते लगन के मौसम में यात्रियों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
शनिवार को सुबह से ही क्षतिग्रस्त ककरही पुल पर छोटे-बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया गया। जिसके कारण यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। तेज धूप व प्रचंड गर्मी में प्राइवेट टैक्सियों व परिवहन निगम की बसों को पुल के पहले ही रोक दिये जाने से यात्रियों को पैदल ही पुल को पार करना पड़ा जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी। बांसी से नौगढ़ जा रही देवमती राय, लालमती राय, सुभावती देवी को बैग व सामान सर पर रखकर पुल पार करना पड़ा, वहीं पूरे सपरिवार निमंत्रण कर नौगढ़ से बांसी घर वापसी में श्याम को भी सामनों को सर पर रख पुल पार करना पड़ा। शादी कर वापस घर जा रहे दर्जनों दूल्हों को भी वाहन से नीचे उतरना पड़ा। पुल पर रोक लगने से ठेला व रिक्शा की भी मांग बढ़ गई। यात्रियों को पुल पार कराने की अच्छी रकम मिलने की उम्मीद में दर्जनों रिक्शा व ठेला चालक पुल पर डेरा लगाये हुए हैं जबकि पुल पर आवागमन शुरू करने के लिए एनएच के अधिकारी व कर्मचारी लाखों के केमिकल से इंजेक्शन द्वारा क्रेक पुल को भरने का काम कर रहे हैं। एनएच के प्रशासनिक अधिकारी अमरनाथ मंडल ने बताया कि पुल काफी पुराना होने व भारी वाहनों के आवगमन से कई जगह से क्रेक हो गया है, इसलिए एहतियातन आवगमन पर रोक लगा दिया गया है। पुल की मरम्मत के लिए शुक्रवार को चार लाख रूपये की लागत के केमिकल से क्रेक पुल को इंजेक्शन द्वारा गैप भरने का काम किया जा रहा है, जिसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। तबतक छोटे वाहनों के निकलने के लिए बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। परिवहन निगम के एआरएम मुकेश कुमार का कहना है कि ककरही में स्टापेज न होने के कारण यात्रियों को एक से दो रूपए अधिक देना पड़ रहा है। मार्ग अवरूद्ध होने के बाद भी यात्रियों को असुविधा न हो, निगम इसके लिए प्रयासरत है।.........
जेब ढ़ीली कर रही शटल सेवायात्रियों को उक्त समस्या से निजात दिलाने को परिवहन निगम ने शटल सेवा प्रारम्भ की है। जिला मुख्यालय से बांसी जाने वाले यात्रियों को ककरही पुल तक निगम की बसें चलाई जा रही हैं, जबकि पुल के उस पार उनकी सुविधा के लिए निगम ने दूसरी बसें लगा रखी हैं। इस सेवा से यात्री अपने गन्तव्य तक किसी तरह पहुंच तो जा रहे हैं लेकिन बदले में उन्हें अपनी जेबें ढ़ीली करनी पड़ रही हैं। सामान्य परिस्थितियों में जहां 22 रूपए में लोग बांसी पहुंच जाते थे, वहीं अब उन्हें इसके लिए 24 रूपए खर्चने पड़ रहे हैं।