फुटपाथ क्या यहां सड़क पर भी कब्जा
सिद्धार्थनगर : फुटपाथ यानी पैदल चलने का रास्ता, जो यहां खोजने पर भी शायद ही मिले। हद तो यह है कि फुट
सिद्धार्थनगर : फुटपाथ यानी पैदल चलने का रास्ता, जो यहां खोजने पर भी शायद ही मिले। हद तो यह है कि फुटपाथ तो फुटपाथ, सड़क पर ही लोग कब्जा जमाए हैं। कहीं ठेले वाले, तो कहीं दुकानदार अपना सामान सड़क पर सजाए रखे हैं। स्थिति ये है कि इन दिनों सड़क अवैध स्टैंड का रूप ले चुकी है। नागरिकों की स्थिति यह है कि जहां सिर्फ वाहनों को चलाने की अनुमति है वहां वह चलने को मजबूर हैं। तहसील, नगर व पुलिस प्रशासन सभी मनमौजी सिस्टम के आगे लाचार हैं। कहने को तो प्रशासन द्वारा अभियान चलाने की बात कही जाती है, परंतु अफसोस कि अवैध कब्जे को हटाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है।
पहले डुमरियागंज चौराहे की बात करें। चौराहे से सटे अंदर जाने वाले मार्ग का फुटपाथ पूरी तरह गायब है। नगर प्रशासन ने नागरिकों की सुविधा के लिए सड़क से लेकर पटरी तक सीसी मार्ग बनवा दिया। नगर वासियों ने राहत की सांस ली, कि चलो अब चौड़ीकरण सड़क का लाभ मिलेगा, परंतु वर्तमान में हालत पहले से भी बदतर हो गई है। दो बजे के बाद तो स्थिति इस प्रकार विकट बन जाती है, कि रोडवेज की गाड़ियां अंदर जा ही नहीं पाती हैं, पैदल चलने वाले भी हर समय किसी दुर्घटना की शंका में सहमे रहते हैं। पुलिस बूथ की तरफ सड़क ऊंची है तो दूसरी ओर एकदम नीची। एपको कंपनी द्वारा सड़क निर्माण में पूरी तरह मनमानी बरती गई, जिसके कारण फुटपाथ कहीं नजर ही नहीं आ रहा है। भारतीय स्टेट बैंक के पास भी फुटपाथ खोजने पर भी नहीं मिलेगा। यहां सड़क के दोनों तरफ मोटर साइकिल व साइकिल स्टैंड पूरे दिन बना दिखाई पड़ता है। जो थोड़ी बहुत जगह शेष बचती है, वहां दुकानदार अपना सामान फैला देते हैं। यहां कभी-कभी दोपहर में भी जाम की स्थिति बन जाती है।
आश्चर्य यह है कि यह सारी स्थिति नगर, तहसील व पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे की है, बावजूद इसे हटाने में किसी के द्वारा कोई रूचि नहीं ली जाती है।
अतिक्रमण से मिले निजात
फुटपाथ के अतिक्रमण से सभी लोग आजिज हैं, मुख्य चौराहे की स्थिति हर किसी के लिए ¨चता विषय बनी रहती है। चूंकि अंदर ही बस स्टेशन है, इसलिए गाड़ियां अंदर जा ही नहीं पाती है और बहुत सारे लोग बस का इंतजार स्टेशन के अंदर करते रह जाते हैं। सड़क पर ही अवैध स्टैंड से आए दिन लोग दुर्घटना से चुटहिल भी हो जाते हैं।
नागरिकों में जावेद अहमद का कहना है कि यदि प्रशासन का अभियान चल जाए तो अतिक्रमण से निजात मिल जाय। नफीस अहमद व हरि निवास पाण्डेय कहते हैं कि चौराहा हो या बैंक के पास, कहीं फुटपाथ दिखाई ही नहीं देता है, सायं के समय यहां आवागमन कठिनाई भरा हो जाता है। प्रदीप कुमार ने कहा कि टाउन का दर्जा रखने के बाद भी यहां अतिक्रमण का बोलबाला है। मुख्य चौराहा व फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त हो, इसके प्रति किसी का ध्यान जाता ही नहीं है।
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अभी वे नए आए हैं। शीघ्र ही एसडीएम साहब से वार्ता करेंगे, फिर पुलिस फोर्स के साथ अभियान शुरू किया जाएगा। सड़क अथवा फुटपाथ जहां पर भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाएगा।
विकास आनंद,
अधिशाषी अधिकारी,
नगर पंचायत, डुमरियागंज