क्रोधी व्यक्ति को नहीं मिलती ईश्वर की राह
सिद्धार्थनगर : क्रोध करने वाले व्यक्ति को कभी ईश्वर की राह नहीं मिलती, वह हमेशा अज्ञान रूपी अंधकार म
सिद्धार्थनगर : क्रोध करने वाले व्यक्ति को कभी ईश्वर की राह नहीं मिलती, वह हमेशा अज्ञान रूपी अंधकार में भटकता रहता है। कभी भी क्रोध में आकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि क्रोध में लिया जाने वाला निर्णय हमेशा गलत साबित होता है।
उक्त बातें आचार्य जय प्रकाश मिश्र ने कही। शनिवार रात क्षेत्र के कठेला कोठी में चल रहे श्रीमदभागवत कथा में राम और सुग्रीव का उदाहरण देते हुए कहा जब भगवान श्रीराम बाली को मारकर उसका राज पाठ सुग्रीव को सौंप दिए, और सुग्रीव सीता मां की तलाश करने का अपना वचन भूल राज पाट में व्यस्त हो गया। चार माह तक उसने भगवान राम की कोई सुधि नहीं ली तो लक्ष्मण जी को क्रोध आया और उन्होंने श्रीराम से कहा कि मैं सुग्रीव को मार डालूंगा। भगवान चाहते तो उसी समय ऐसा कर सकते थे लेकिन उन्होंने क्रोध में लिये गये निर्णय को कार्य रूप में देने के लिये रात भर का समय लिया ताकि इसका अच्छा बुरा पता चल सके। जब सुग्रीव को अपना वचन याद आया तो उसने माफी मांग कर दोनों भाइयों का सहयोग किया। यजमान राम लुटावन, सुनील कुमार, ¨पटू समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।