सीमा पर लगे टावर छलावा
सिद्धार्थनगर : भारत-नेपाल सीमा पर बसे उपभोक्ताओं को संचार की अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए जगह-जगह टाव
सिद्धार्थनगर : भारत-नेपाल सीमा पर बसे उपभोक्ताओं को संचार की अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए जगह-जगह टावर लगाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर यह टावर बनकर यह तैयार हो गए हैं। लेकिन बीटीएस न लगने से सुरक्षा एजेंसियों सहित अन्य को नेटवर्क के लिए जूझना पड़ रहा है। लगभग दो माह से यह टावर खड़ा है, बावजूद विभाग इस पर ध्यान नही दे रहा है। इससे जवानों सहित सीमाई क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग मायूस हैं।
घर से निकलने के बाद अगर फोन लगता भी तो बात नहीं हो पाती है। पैसा कट जाना और पूरी बात न हो पाना सीमाई क्षेत्र में बसे नागरिकों के लिए सरदर्द बन गया है। इस तरह की समस्या सिर्फ उन्हें ही नही बल्कि सीमा की रखवाली कर रहे जवानों को भी उठानी पड़ रही है। घर परिवार छोड़ इन सुरक्षाकर्मियों को परिजन से बात करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में इन पर क्या बीतती होगी? सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। सीमाई क्षेत्रों में जैसे ही बीएसएनएल का टावर लगने का भनक इनके कानों तक पहुंचा उम्मीदें जगी। मगर अफसोस टावर तो लगा ,लेकिन चालू दो माह बाद भी नहीं हो सका।
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यहां पर बनकर तैयार है टावर
नेपाल सीमा से सटे भारतीय दूरसंचार निगम ने अलीगढ़वा बार्डर के निकट सिद्धार्थ विवि के पास बहोरवा, बजहा के भटौली, हरिबंशपुर एसएसबी कैंप के निकट, ककरहवा के दुल्हा चौराहा, बगही के महदेवा एसएसबी कैंप के आगे, खुनुवा कस्बा एवं कोटिया बार्डर पर टावर बनकर तैयार है।
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बोले उपभोक्ता
सीमा से सटे उपभोक्ताओं का कहना है कि यहां पर कोई भी टावर पूरी तरह से काम नही करता। घर से बाहर निकल कर या फिर छत पर चढ़ने के बाद ही बात हो पाती है, वह भी काल ड्राप हो जाता है। मधुकर मंजुल, मो. अयूब, विनय जायसवाल, कौशल पाण्डेय, अब्दुल्ला मुंशी, बशीर अहमद, मो. सलीम, मो. हारून, दयानन्द यादव कहते है कि उम्मीद बीएसएनएल का ही किया जा सकता है लेकिन वह भी अब कम होने लगा है। टावर लगने के इतने दिन बाद भी चालू नही हुआ आखिर विभाग कब ध्यान देगा।
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सीमाई क्षेत्रों को संचार की सुविधा अच्छी मिले इसके लिए टावर खडे़ कर दिये गये है। काल ड्राप होने सहित आदि समस्याओं को देखते हुए पूरे जनपद में तीन दर्जन से अधिक टावर लगाये जा रहे है। बीटीएस रखा हुआ है जिसे जल्द ही लगा दिया जायेगा। टावर चलाने के लिए 23 घंटे बिजली की आवश्यकता पड़ती है, इसके लिए विभाग के अधिकारियों से वार्ता हो गई है। उम्मीद है कि इसी माह 20 अक्टूबर तक सीमा की सभी टावरे चालू हो जायेंगी।
दुर्गेश ¨सह, एसडीओ बीएसएनएल