इलाज के लिए कहां जाएं महिलाएं
सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सिर्फ भवन ही देखने को मिल रहा है। महिला
सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सिर्फ भवन ही देखने को मिल रहा है। महिला डाक्टर की तैनाती न होने से महिलाओं का इलाज भगवान भरोसे है, जिससे आधी आबादी इलाज से महरूम है।
सीएचसी इटवा अंतर्गत चार न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। सीएचसी पर अधीक्षक डा. बीके वैद्य, डा. संजय गुप्ता समेत चार डाक्टर तैनात हैं। मगर खुनियांव के अलावा किसी अस्पताल पर डाक्टर की तैनाती न होने से मरीजों को तमाम समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। जबकि झकहिया व जिगिनाधाम स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट तक की व्यवस्था न होने से अस्पताल बंद रहता है। जबकि पीएचसी भदोखर व कठेला पर फार्मासिस्ट के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। करीब दो लाख की आबादी में महिला इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। सीएचसी समेत किसी अस्पताल पर महिला डाक्टर की तैनाती न होने से इलाज को आने वाली महिलाओं को प्राइवेट नर्सिंग होम की शरण लेना मजबूरी है। जहां फर्जी डिग्री व रजिस्ट्रेशन के चल रहे क्लीनिक मालिकों द्वारा उनका जबरदस्त आर्थिक शोषण किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि सीएचसी इटवा सूबे के विधान सभा अध्यक्ष के आवास से सटा हुआ है। मगर इस तरफ जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सपा सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कही जा रही है, मगर वीवीआईपी कस्बे के अस्पताल का हाल देखकर हर कोई अंदाजा लगा सकता है कि अन्य अस्पतालों पर मरीजों के लिए कैसी व्यवस्था होगी?
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क्षेत्र के किसी भी अस्पताल पर महिला डाक्टर न होने से परेशानी हो रही है। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी है। जो संसाधन व व्यवस्था है, उसी से मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।
डा. वीके वैद्य
अधीक्षक सीएचसी, इटवा