पीएम सड़क निर्माण में देरी पर भड़के ग्रामीण
सिद्धार्थनगर : ग्रामीण अंचलों के लोगों को खराब सड़क से निजात दिलाए जाने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री
सिद्धार्थनगर : ग्रामीण अंचलों के लोगों को खराब सड़क से निजात दिलाए जाने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री सड़क योजना विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। सड़क निर्माण का पूरा समय बीत जाने के बाद भी सिर्फ गिट्टियां ही दिख रही हैं। नियम विरुद्ध तरीके से पूरी सड़क एक साथ तोड़ देने से उस पर आवागमन किसी खतरे से कम नहीं है। जिसे लेकर ग्रामीणों में भारी रोष देखा जा रहा है।
शाहपुर-¨सगारजोत 20 किमी मार्ग का निर्माण शुरू होने से लोगों में आस जगी की भारी भरकम धनराशि खर्च होने से अब सड़क की सूरत बदल जाएगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। पहले तो ठेकेदार ने पूरी सड़क ही तोड़ दी, जबकि नियमानुसार सड़क उतनी ही तोड़ी जानी चाहिए जितना निर्माण तय समय सीमा के भीतर हो जाए। उसके बाद गिट्टी छोड़ कर फरार हो जाने से राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन गया। यहां तक कि उस पर स्टोन डस्ट व पानी डालकर कुटाई तक नहीं की गई। लोगों का गुस्सा जब सड़क पर उतरा तो आनन फानन में उस पर मिट्टी डालकर रोलर चला दिया गया। अब बरसात में सड़क कहीं गड्ढे में तब्दील है तो कहीं दलदल का रूप धारण कर चुकी है। सड़क का निर्माण कब पूरा होगा इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। जबकि निर्माण समय पूरा होने के बाद अनुरक्षण मद के लिए पांच साल तक अलग से बजट का प्रावधान किया गया है।
रविवार को रमवापुर उर्फ नेबुआ गांव के पास एकत्रित ग्रामीणों ने विभाग समेत ठेकेदार के विरुद्ध जमकर भड़ास निकाली। भोला चौधरी का कहना है कि यह सड़क पूरी तरह से सियासत की शिकार हो चुकी है। निर्माण में शामिल ठेकेदार एक बड़े नेता के करीबी है। ऐसे में चाह कर कोई भी अधिकारी मुंह नहीं खोल रहा। काशीराम ने बताया कि करीब डेढ़ साल से खतरे से भरी सड़क पर चलना पड़ रहा है। सूर्य नारायण चौधरी, कृष्ण कुमार ने बताया कि सड़क बन जाने से कई गांव के लोगों का आवागमन सुचारु हो जाता। मुद्रिका, लालबहादुर ने बताया कि यह सड़क पड़ोसी जनपद बलरामपुर को जोड़ती है। ऐसे में उतरौला आदि शहरों में जाने के लिए तीस किमी अतिरिक्त सफर नहीं तय करना पड़ता। शंकर यादव, प्रहलाद, सियाराम पाण्डेय, बबलू शर्मा आदि ने सड़क निर्माण शीघ्र पूरा कराने की मांग जिलाधिकारी से की है।