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प्रशिक्षु शिक्षकों ने काटा बवाल

सिद्धार्थनगर : सोमवार को ब्लाक संसाधन केंद्र पर प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं ने जिला बेसिक अधिकारी

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 08:40 PM (IST)
प्रशिक्षु शिक्षकों ने काटा बवाल

सिद्धार्थनगर : सोमवार को ब्लाक संसाधन केंद्र पर प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं ने जिला बेसिक अधिकारी द्वारा समस्या सुनने के बजाय दु‌र्व्यवहार करने पर जमकर हंगामा किया। व्यवस्था एवं अफसरों के रवैये पर प्रशिक्षुओं ने कड़ा रोष जताया।

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सुबह करीब 9.45 बजे बीएसए अजय कुमार ¨सह बीआरसी में चल रहे प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण का निरीक्षण करने पहुंच गए। जहां 61 प्रशिक्षु अनुपस्थित रहे। थोड़ी देर में लगभग 42 प्रशिक्षु मौके पर पहुंच गए और मौसम खराब व बारिश के कारण विलंब होने की वजह बताई। इसके बावजूद बीएसए समस्या सुनने के बजाय आक्रोशित हो उठे। सभी को रजिस्टर में अनुपस्थित कर दिया। मेरठ जनपद की प्रशिक्षु डिम्पी चौधरी ने अपने मासूम बालक को दिखाते हुए कहा कि इसकी तबीयत खराब थी। डाक्टर के यहां दिखाकर तुरंत प्रशिक्षण में पहुंची हैं। औरेया के विकलांग विपिन ¨सह ने बताया कि उपस्थित रहे, मगर रजिस्टर में अनुपस्थित कर दिए गए। विकलांग के साथ दु‌र्व्यवहार कर उसे भगा दिया। प्रशिक्षुओं ने बीएसए को मानदेय व अन्य समस्या संबंधित ज्ञापन देने का प्रयास किया, मगर उन्होंने मना कर दिया। कहा कि सिर्फ प्रशिक्षण लेने से मतलब रखे और कुछ नहीं। बीएसए के जाते ही सभी प्रशिक्षु प्रांगण में आकर हंगामा करना शुरू कर दिए। बीएसए के व्यवहार भी रोष जताया। अंजनी कुमार, मनोज कुमार, रवीन्द्र, राजू यादव, भगवान ¨सह, सत्येन्द्र ¨सह, दीपा गौतम, ज्योति, संजीव, जितेन्द्र, रूचि श्रीवास्तव, नीलम पाण्डेय, नेहा मिश्रा का कहना था कि उनके अधिकारी हैं। जब वह समस्या नहीं सुनेंगे तो फिर आखिर समाधान कौन करेगा। हंगामे के दौरान राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक अष्टभुजा प्रसाद पाण्डेय मौके पर पहुंचे और सभी प्रशिक्षुओं को समझाया-बुझाया, जिसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।

बता दें भीषण गर्मी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं के लिए विभाग द्वारा कोई सुविधा प्रदान नहीं कराई गई है। सुबह 9 से 4 बजे तक के प्रशिक्षण में भोजन अथवा चाय-पानी जैसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहती है। स्थिति यह रहती है कि जब प्रशिक्षु एक-दूसरे से चंदा एकत्रित करते हैं, तब जाकर जनरेटर चालू होता है। अन्यथा उमस भरी गर्मी में ही इन लोगों को प्रशिक्षण लेना पड़े।

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प्रशिक्षुओं की कोई समस्या नहीं है। जहां तक मानदेय की बात है तो अभी शासन से रिलीज ही नहीं हुआ है। प्रशिक्षण में किसी प्रकार का खर्च नहीं दिया जा रहा है। दु‌र्व्यवहार जैसे आरोप पूरी तरह निराधार है।

अजय कुमार ¨सह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

सिद्धार्थनगर


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