गंवई चौराहे पर भी नहीं दिखता फुटपाथ
सिद्धार्थनगर : अतिक्रमण की गिरफ्त में पूरी तरह आ चुके क्षेत्र के जिगनिहवा चौराहे से राहगीरों का पैदल
सिद्धार्थनगर : अतिक्रमण की गिरफ्त में पूरी तरह आ चुके क्षेत्र के जिगनिहवा चौराहे से राहगीरों का पैदल गुजरना अब मुहाल है। नगर में चले अभियान से चौड़ी दिख रही सड़कों की भांति ग्रामीण अब इसके भी कायाकल्प की आस लगाए बैठे हैं। मार्ग के बनने से तेज रफ्तार में गुजरते वाहन फुटपाथ की जगह सड़क पर चलते राहगीरों के ऊपर से कब गुजर जाएं इसकी भी उनमें आशंका बनी हुई है।
बांसी -इटवा मार्ग पर नगर सीमा से मात्र एक किमी पर स्थित इस चौराहे की सूरत भी अब शहर के चौराहों की तरह हो चुकी है। वैसे तो यहां स्थापित दुकानें फुटपाथ पर ही है। खाली पड़े फुटपाथ पर भी सुबह के दस बजते ही सड़क पर सब्जी, चाट व अन्य सामानों को बेचने वाले अपनी दुकान सजा देते हैं। दोपहर बाद स्थिति तो इतनी भयावह हो जाती है कि रोजमर्रा के सामानों की खरीद करने वाले ग्राहक व राहगीर फुटपाथ पर जगह न होने से सड़क पर ही चलते हैं। वाहन से आने वाले लोग उसे भी यहीं खड़ा कर देते हैं। दो माह पूर्व सड़क का निर्माण हो जाने से इस पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार भी अब धीमी नहीं रही। पैदल, साइकिल व मोटर साइकिल सवार लोग कब किस वाहन की चपेट में आ जायें कुछ कहा नहीं जा सकता। इस बाजार से होकर जाल्हेखोर व चेतिया के लिए दो प्रमुख सड़के भी निकलती हैं। इन सड़कों के फुटपाथ तक वैसे भी मकान बन चुके हैं थोड़ा बहुत बचा है तो उसपर दुकान सज जाती है।
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बाजार के दिन लगता जाम
जिगनिहवा चौराहे से ही दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों द्वारा रोजमर्रा के सामानों की खरी फरोख्त की जाती है। शुक्रवार के दिन यहां साप्ताहिक बाजार भी लगती है। बाजार के दिन प्रतिदिन दुकान लगाने वालों के साथ दूर दराज की दुकानें भी आ जाती है। इससे फुटपाथ के साथ लोग सड़क पर भी अपनी दुकान सजा देते हैं।
किशुनधर जोत निवासी ओम प्रकाश पांडेय बांसी में खाली करवाये गये फुटपाथ से काफी प्रसन्न हैं । इनका कहना है कि यह अभियान अब गंवई चौराहों तक भी पहुंचना चाहिए। नगर से सटे होने के कारण जिगनिहवा चौराहा अब काफी विकास कर चुका है।
जमलाजोत के केबी ¨सह का कहना है कि बाजार के दिन जाम लगने से यहां की पुलिस खुद हलकान होती है। सड़क तक दुकान लगाये लोगों के कारण वाहनों का आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध होता है।
व्यवसायी डा. शिखा अतिक्रमण हटाओं अभियान के पक्षधर हैं। इनका कहना है कि सड़क के किनारे बसे लोग यदि पटरियों पर से अतिक्रमण हटा दें तो इतनी जगह हो जाये की सब्जी, चाट व ठेला वाले सड़क की जगह फुटपाथ पर अपना रोजगार कर सकें। गोठवा के प्रेमकांत त्रिपाठी गंवई चौराहों पर जारी अतिक्रमण पर काफी खिन्नता व्यक्त करते हैं। हर गंवई चौराहे पर अभियान चलाकर अतिक्रमण कारियों से इसे मुक्त कराने की वह मांग कर रहे हैं। जिगनिहवा चौराहे पर बीज की दुकान किए अमर का कहना कि पटरियों से लेकर सड़क तक दुकानों के सज जाने से हम लोगों की दुकानों पर आने के लिए ग्राहकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।