.. तो जान से खेलेंगी संक्रामक बीमारियां
सिद्धार्थनगर : विकास खंड क्षेत्र में दूषित जल का प्रयोग व गंदगी की समस्या लाइलाज हो चुकी है। गंद
सिद्धार्थनगर :
विकास खंड क्षेत्र में दूषित जल का प्रयोग व गंदगी की समस्या लाइलाज हो चुकी है। गंदगी का अंबार बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियों के फैलाने का वाहक बना हुआ है। शायद ही कोई गांव हो जहां नागरिकों को इस समस्या से दो-चार न होना पड़ता हो, बावजूद जिम्मेदार खामोश हैं।
पिपरा मुर्गिहवा गांव में आज तक नाली की व्यवस्था न होने से घरों का गंदा पानी सड़क पर पसरा रहता है अथवा नल के बगल खुदे गड्ढे में जमा रहता है। सरकारी नालों की स्थिति ऐसी की मरम्मत के अभाव में लोग देशी नल से जोड़ कर उसका दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीण राम प्रसाद का कहना है कि गांव में जल निकासी की समस्या कई साल से बनी हुई है। नाली न बनाए जाने के चलते घरों का गंदा पानी सड़क पर पसरा रहता है। लाल बहादुर ने बताया कि नाली के अभाव में नल के बगल गड्ढा बनाकर उसमें पानी गिराने की मजबूरी है। भल्लू ने बताया कि सरकारी नलों की खराबी दूर न किए जाने से उस पर देशी नल बांध कर दूषित पानी पीने की मजबूरी है। मंगरे, रामू ने बताया कि गंदगी व शुद्ध पानी के अभाव में कब कौन संक्रामक बीमारी फैल जाए पूरा गांव इस दहशत में है। सोननगर, मूसा, पानी, जिगिना, देवरिया, मुड़िलिया, बबुरहा आदि गांव इसी समस्या में जकड़े हुए हैं।
जिन गांवों में नाली नहीं है, संबंधित प्रधान व सेक्रेटरी को निर्माण के लिए निर्देश दे रहा हूं। सरकारी नलों की खराबी दूर कराने के लिए जल निगम विभाग को पत्र भेजा जा चुका है।
रामनाथ
खंड विकास अधिकारी, इटवा