दिन का चैन, रातों की छीनी नींद
सिद्धार्थनगर : बिजली से जनता त्रस्त है और जिम्मेदार आंख बंद किये बैठे हैं। रात दिन मिलाकर 5 से 6 घं
सिद्धार्थनगर : बिजली से जनता त्रस्त है और जिम्मेदार आंख बंद किये बैठे हैं। रात दिन मिलाकर 5 से 6 घंटे भी नियमित आपूर्ति नहीं दी जा रही है। सांय पांच बजे आने व रात 10 बजे चले जाने से उपभोक्ताओं की नींद हराम हो गई है। दिन में भी यह सुबह पांच बजे आती है और 10 बजे चली जाती है। यही स्थित पथरा, खेसरहा व तिलौली फीडर से संचालित गांवों की भी है, जहां आपूर्ति की यह भीषण कटौती लोगों के बीच आक्रोश का कारण बन रही है।
गर्मी शुरु होते ही बिजली ने ऐसा रूख बदला है कि इस उमस भरी गर्मी में हर कोई बिलबिला गया है। 12 से 15 घंटे मिलने वाली बिजली अब सिर्फ रात दिन मिलाकर मात्र छह घंटे ही मिल रही है। जब उठने का समय होता है तब रात तीन बजे आती है और पांच से छह घंटे रहने के बाद फिर चली जाती है। इस शेडयूल से लोगों के घरों में लगे इंवर्टर तक चार्ज नहीं हो पाते। उमस व गर्मी से परेशान लोग रात 12 बजे तक घरों के छतों व सड़कों पर टहलते हैं जब कुछ गर्मी में राहत होती है तो किसी तरह सोने का प्रयास करते हैं। पांच बजे बिजली आने के बाद भी लोगों को राहत महसूस नही होती। इस दौरान यह दो से तीन बार आती व जाती रहती है। हालत है कि लोग गर्मी में जहां बेहाल हैं वहीं मच्छरों का आतंक उनकी समस्याओं को और बढ़ा रहा है।
राजा राम, तौलेश्वर, विक्रम, देवकी नंदन, रामजीत, सुभाष, जगदीश मौर्य आदि का कहना है कि जनता से वोट ले लिया तो अब बिजली का क्या काम। वोट लेने तक यह अपना कमाल दिखाती रही।
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''ऊपर के आदेश पर ही सप्लाई काटी व दी जाती है। इसमें हम लोगों के तरफ से कोई रोस्टर न तो बनाया गया है और न ही इसमें किसी प्रकार का फेरबदल ही हमारे बस में है। जब आदेश आता है सप्लाई लगाई व हटाई जाती है।''
मनोज कुमार
एसडीओ, विद्युत