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खेसरहा में गहराया पेयजल का संकट

सिद्धार्थनगर : शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए गांव-गांव लगे इंडिया मार्क हैंडपंप विभागीय उदासीनता की भ

By Edited By: Published: Wed, 13 May 2015 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2015 08:58 PM (IST)
खेसरहा में गहराया पेयजल का संकट

सिद्धार्थनगर : शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए गांव-गांव लगे इंडिया मार्क हैंडपंप विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ चुके हैं। गर्मी की तपिश शुरू होते ही क्षेत्र में पानी की मांग बढ़ गई, पर खराब इंडिया मार्का हैंडपंप को ठीक कराने में विभाग लापरवाह बना हुआ है स्थित है कि गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है।

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216 ग्राम राजस्व गांवों वाले खेसरहा विकास क्षेत्र में पेयजल का संकट उत्पन्न है। ग्रामीणों को शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए जल निगम ने 21 सौ इंडिया मार्क हैंडपंप तो लगाया पर आधे से अधिक विगत एक वर्ष से खराब हैं। जो चल रहे हैं उसमें भी अधिकांश पानी की जगह जहर ही उगल रहे हैं। वर्तमान में विकास क्षेत्र के छितही, बलुवा, विशुनपुरवा, दुर्गवा, बंजरहा, गेंगटा, कुड़जा, अर्जी, खेसरहा, करमा, सुपौली, सेमरा आदि चार दर्जन से अधिक गांवों में खराब पड़े नलों को देख ग्रामीण में आक्रोश व्याप्त है। गांव में चल रहे एक दो नलों पर सुबह सायं ग्रामीणों की लंबी लाइन लग रही है। नागेन्द्र, तुलसीराम, मुनिराम, भुआल, राज बहादुर चौधरी, विक्रम पांडेय, सुमित्रा देवी, कंचन लता, रेहाना, जुवैदा खातून आदि का कहना है कि गांव में खराब पड़े हैंडपंपों को बनवाने की कई बार प्रधान से लेकर ब्लाक तक गुहार लगाई गई पर गर्मी शुरू हो जाने के बाद भी इसे ठीक करने कोई नहीं आ रहा है।

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छोटी मोटी गड़बड़ी वाले एक दर्जन से अधिक हैंडपंप को हमने प्रधान के माध्यम से ठीक कराया है। कुछ में ऐसी खराबी है जो जल निगम ही ठीक करेगा। विभाग को हमने लिखा है। नलों की खराबी से क्षेत्र में पेयजल का संकट न उत्पन्न हो इसके लिए हम लगे हैं।

राजाराम, बीडीओ, खेसरहा

आपूर्ति में कमी से जल निगम बेबस

बांसी - डुमरियागंज मार्ग स्थित माधव वन विहार के सामने स्थित वाटरहेड टैंक विद्युत आपूर्ति में कमी का दंश झेल रहा है। अनिश्चित विद्युत शेडयूल से इससे दी जाने वाली वाटर सप्लाई सुचारु रुप से नहीं चल पा रही है, जिससे जल निगम की मंशा पर पानी फिर रहा है।

जल निगम के उक्त टैंक से आधा दर्जन वार्डों में पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध जल मुहैया कराया जाता है। जनरेटर की सुविधा न होने के कारण यह सप्लाई पूरी तरह विद्युत आपूर्ति पर ही केंद्रित है। वर्तमान में पांच सौ से अधिक घरों के लोग इसी पानी पर आश्रित है। विद्युत आपूर्ति के शेडयूल में अनिश्चितता के कारण सप्लाई के लिए लगा पंप पानी के आवश्यकता अनुरुप नहीं चल पाता है। पानी स्टैंड पोस्ट पर तैनात उमेश श्रीवास्तव व सुरेश श्रीवास्तव का कहना है कि जनरेटर न होने से पानी की सप्लाई बिजली आने पर ही निर्भर करती है। बिजली जिस भी समय आती है हम दो से तीन घंटे अपने यहां के पंप को चलाते हैं। हां इसमें यह जरुर है कि उपभोक्ताओं के सोते रहने पर जब आपूर्ति आती है तो वह सप्लाई किया जाने वाला पानी स्टोर नहीं कर पाते होंगे। डब्लू ¨सह, संदीप ¨सह, जगदीश प्रसाद, शेषनाथ, उमेश, धर्म प्रकाश आदि का कहना है पानी तो मिलता है पर जब आपूर्ति का शेडयूल ही गड़बड़ होगा तो हम पानी का उपभोग कैसे कर सकेंगे। सभी ने पहले लचर विद्युत आपूर्ति को ठीक कराने की मांग भी की।


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