चढ़ने लगा प्रधानी चुनाव का खुमार
सिद्धार्थनगर : भले ही प्रधानी चुनाव का बिगुल अभी नहीं बजा है, बावजूद इसके इसी वर्ष चुनाव होने की संभ
सिद्धार्थनगर : भले ही प्रधानी चुनाव का बिगुल अभी नहीं बजा है, बावजूद इसके इसी वर्ष चुनाव होने की संभावना से गंवई राजनीति सरगर्म होती दिख रही है। प्रधान व संभावित उम्मीदवार जोड़ तोड़ के समीकरण बनाने में जुट गए हैं, लोगों को प्रसन्न करने के लिए कोई राशन कार्ड बनवाने में दिलचस्पी दिखा रहा है तो आधार कार्ड में ग्रामीणों का सहयोग कर रहा है। चुनाव के नजदीक होने की आहट से गांव-गांव शिकायतों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
चुनाव का खुमार गांवों में अब धीरे धीरे चढ़ने लगा है।
कुछ तो आरक्षण के फेर में चुप बैठे हैं कहीं आरक्षण अरमानों पर पानी न फेर दे, तो वहीं जनहित कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। वर्तमान में गांव-गांव आधार कार्ड बन रहे हैं, कहीं स्वयं प्रधान तो कहीं संभावित उम्मीदवार बाकायदा अपनी ओर से कैंप लगवा कर लोगों का आधार कार्ड बनवा रहे हैं, इससे पहले राशन कार्ड प्रक्रिया में ऐसे लोगों की प्रक्रिया बड़ी तेज दिखी। इसके अतिरिक्त बीमार मरीजों को बोलेरो की व्यवस्था कराकर उनके साथ अस्पताल तक जाने की भी होड़ लग रही है। संभावित दावेदार धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर आस्था के सहारे चुनावी गुणा गणित ठीक करने से भी पीछे नहीं रह रहे हैं। वर्तमान प्रधानों के लिए सबसे बड़ी ¨चता समाजवादी पेंशन एवं विरोधी साथियों द्वारा शिकायती पत्रों से हैं। पेंशन में जिन पात्रों का नाम नहीं है, उसे मुद्दा बनाया जा रहा है, तो छोटीे-छोटी शिकायतों के अलावा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं में भी वृद्धि देखी जा रही है। कहना गलत होगा कि अभी तो सिर्फ चुनाव की आहट सुनाई दे रही है, और जैसे-जैसे समय और आगे बीतेगा अथवा चुनाव का बिगुल बजेगा, यह सरगर्मियां पूरे शबाब पर पहुंचती नजर आएंगी।