Move to Jagran APP

सरकारी खाद्यान्न पर कुंडली मारकर बैठे माफिया

सिद्धार्थनगर : गरीबों का खाद्यान्न खुले बाजार में बिक रहा है। अब खाद्यान्न माफिया के रूप में कोटेदा

By Edited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 09:50 PM (IST)
सरकारी खाद्यान्न पर कुंडली मारकर बैठे माफिया

सिद्धार्थनगर : गरीबों का खाद्यान्न खुले बाजार में बिक रहा है। अब खाद्यान्न माफिया के रूप में कोटेदार है। इनके सामने प्रशासन भी नतमस्तक हो गया है। पूरे व्यवस्था पर कुंडली मार कर बैठ चुके है। प्रशासन को इन पर लगाम लगाने में पसीना छूटने लगा है। रात भर में कोठी तैयार करना इनके बाएं हाथ का खेल है। पैसे का बंदरबांट में सब नंगे है। खुलेआम खाद्यान्न का कालाबाजारी हो रहा है। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। सब कुछ मैनेज है।

loksabha election banner

विभाग की गणित में पप्पू फेल हो चुका है। अब जवाब खोजने के लिए अशोक के पेड़ पास बैठ कर रणनीति तैयार होती है कि संतोष कौन करेगा। यहां नवाब बहादुर शाह जफर की तरह शेर-ओ-शायरी सुनाने व माहौल को हल्का रखने के लिए एक विदूषक भी है। हनक इतनी है कि इनके नाम की केवल पर्ची काट अनाज ब्लैक में बिकने के लिए दुकान पर चला जाता है। अधिकारी केवल नाम देख कर गाड़ी को जाने देते है। इनके पसंदीदा योजना में बीपीएल व अन्त्योदय का खाद्यान्न है। कर्मचारियों के पास इनका पूरा लेखा जोखा रहता है। अगर कहीं और कभी कोई मामला प्रशासन पकड़ लेता है तो उसे दबाने के लिए समाज के सभी वर्ग एकजुट हो जाते है। संबंधित अधिकारी जांच पाने के बाद अपने को धन्य मनाते है। पुलिस को बैठे-बैठायें मलाई काटने का दांव मिल जाता है। प्रशासन के सामने प्रश्न यह है कि जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अनाज बाजार में खुलेआम बिक रहा है इस पर रोक कैसे लगे। इनको मालूम है कि खाद्यान्न माफिया माह के आखिरी सप्ताह में पहले से निर्धारित कर देते है कि किस कोटेदार का अनाज बाजार में बिक्री के लिए जायेगा, कैसे पकड़े। कोशिश भी किया, लेकिन रात भर में ही भरे हुए गोदाम को खाली कर दिया गया और दूसरे मामले में संबंधित के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम का मुकदमा दर्ज कराया।

...............

केस एक- डीएम डा. सुरेन्द्र कुमार के निर्देश पर 29 मार्च 2015 को तहसीलदार डुमरियागंज ने मंडी समिति शाहपुर के प्राइवेट गोदाम पर छापेमारी किया। मौके पर पहुंची टीम को देख जरायम पेशा में संलिप्त लोग खिसक लिए। नायब तहसीलदार ने पाया कि सरकारी बोरे में गेहूं रखा है। जिसका अनुमानित वजन करीब 20 कुंतल आंका गया। फोटोग्राफी भी कराया। गोदाम में सरकारी ताला लगाने के बाद टीम वापस हो गयी। दूसरे दिन जांच में गोदाम पर एसडीएम एसके ¨सह पहुंचे। सील ताले को छुए बिना रात भर में सभी बोरे गायब हो गए। गोदाम में केवल पांच बोरे मिले जिसमें काला नमक धान रखा था।

केस दो- मुखबिर की सूचना पर 31 मार्च को सदर एसडीएम आरडी राम ने नौगढ़ के विपणन गोदाम पर छापा मारा। गोदाम में कागजी अनियमितता मिली। कोटेदारों ने तीन दिन पूर्व में ही कागज पर उठान कर लिया था, लेकिन अनाज गोदाम में ही रखा मिला। स्टाक में 50 किलों के 252 बोरी चावल व 100 किलों वजन के 42 बोरा चीनी अधिक मिला। गेहूं के हिसाब में 787 बोरी कम रही। एक दिन पूर्व की घटित घटना को संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रशासन ने संबंधित विपणन निरीक्षक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।

..............

कोटेदार के इशारे पर हो रही गोदाम से उठान

सदर व बर्डपुर विपणन गोदाम से पीडीएस की उठान एक कोटेदार के इशारे पर होती है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत थाना में आपराधिक इतिहास भी है। हनक इतनी है कि अनाज के लेकर निकलने वाली छोटी गाड़ी के चालक के पास केवल एक पर्ची होती है, जिसमें इसका नाम लिखा होता है। बड़बोलेपन में चौराहे पर कहता है कि विभाग के अलावा पुलिस में नीचे से लेकर ऊपर तक हिस्सा जाता है।

............

मामला संज्ञान में है। डुमरियागंज मामले में विभागीय व प्रशासनिक जांच चल रही है। कार्रवाई की जायेगी। सदर क्षेत्र के मामले में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। किस कोटेदार का कागज में खाद्यान्न का उठान होने के बाद किन परिस्थितियों में अनाज नहीं गया, प्रथम ²श्तया जांच हो रही है। मुकदमे की विवेचना संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है।

एपी ¨सह

जिला पूर्ति अधिकारी

सिद्धार्थनगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.