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जिला समन्वयक की जा सकती है नौकरी

सिद्धार्थनगर। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की खराब स्थित पर जिला समन्वयक पर खतरे की घंटी बज गयी

By Edited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 09:49 PM (IST)
जिला समन्वयक की जा सकती है नौकरी

सिद्धार्थनगर। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की खराब स्थित पर जिला समन्वयक पर खतरे की घंटी बज गयी है। यदि सप्ताह भर के अंदर विद्यालयों की दशा में सुधार नहीं हुआ तो सेवा समाप्ति हो सकती है। जिलाधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अगाह किया है कि नियमित निरीक्षण न होने से पढ़ाई चौपट हो रही है और सरकारी मंशा के अनुरूप बालिकाओं को सुविधाएं नहीं मुहैया की जा रही हैं।

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दरअसल, जिलाधिकारी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय देवरा जोगिया का सोमवार को औचक निरीक्षण किया था। तमाम खामियां पकड़ में आयी। इसके पहले भी नौगढ़, बर्डपुर एवं शोहरतगढ़ के कस्तूरबा विद्यालय में अव्यवस्था सामने आयी थी। उस समय भी बीएसए को व्यवस्था सुधार के लिए निर्देश दिये गए थे। डीएम ने बीएसए को पत्र लिखकर कहा है कि बालिका विद्यालयों में पंजीकृत छात्राओं की तुलना में उपस्थित छात्राओं की संख्या अधिकतम 60 फीसद ही रहती है। निर्धारित मीनू के अनुसार छात्राओं को भोजन नहीं दिया जा रहा है। फल और दूध भी नहीं मिल रहा। निरीक्षण के दौरान यह भी मिला कि जो भी फूल टाइम टीचर, पार्ट टाइम टीचर एवं अधीक्षिका कार्यरत हैं उनमें से आपसी सहमति के आधार पर एक-दो हमेशा गायब रहती हैं। वार्डेन की कार्य प्रणाली संदिग्ध है। बीएसए के द्वारा निरीक्षण न करने को डीएम ने उनकी उदासीनता का परिचायक माना है। निर्देशित करते हुए कहा है कि विद्यालयों का स्वयं निरीक्षण करके प्रत्येक कमियों को एक सप्ताह के अंदर ठीक करें। साबुन, तेल, कपड़ा, विस्तर, ब्रश, मंजन, आदि की व्यवस्था गुणवत्ता पूर्वक होने चाहिए। लगातार अनुपस्थित चल रही छात्राओं पर कार्यवाही करें और जो टीचर अनुपस्थित रहते हैं उनपर भी त्वरित कार्यवाही की जाए। यदि निर्धारित अवधि के अंदर व्यवस्था में सुधार नहीं दिखता है तो जिला समन्वयक की सेवा समाप्त करते हुए आपके खिलाफ भी कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


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