फरार अध्यापक निलंबित
सिद्धार्थनगर : कतिपय गुरुजनों की मनमानी से प्राथमिक शिक्षा की नींव दरकती नजर आ रही है। एक तरफ अध्या
सिद्धार्थनगर : कतिपय गुरुजनों की मनमानी से प्राथमिक शिक्षा की नींव दरकती नजर आ रही है। एक तरफ अध्यापकों का अकाल है तो दूसरी तरफ जहां तैनाती है वहां भी इनकी उपस्थिति न होने से विद्यालय बंद रह रहे हैं। बानगी के तौर पर खेसरहा विकास खंड के ग्राम पंचायत महुआ में स्थापित पूर्व माध्यमिक विद्यालय को लिया जा सकता है। यहां तैनाती के बाद भी विद्यालय आठ माह से बदं था जिसे तहसील दिवस में हुई शिकायत के बाद बुधवार को खोला गया।
उक्त विद्यालय पर तैनात रहे प्रधानाध्यापक छेदी लाल जून 2014 में सेवा निवृत्त हो गये। एक अध्यापक होने के कारण यह विद्यालय बंद हो गया। बीच सत्र में विद्यालय के बंद होने से यहां पंजीकृत लगभग डेढ़ सौ छात्र पढ़ने के लिए दूसरे विद्यालय में जाने लगे। ग्रामीणों की शिकायत पर खंड शिक्षाधिकारी द्वारा इटवा से स्थानांतरित होकर आये कमल किशोर को बीते जनवरी माह में उक्त विद्यालय में तैनात कर दिया गया। कमल किशोर पदभार ग्रहण करने के बाद से लापता हुए तो आज तक नहीं लौटे। उधर सेवा निवृत्त हुए प्रधानाध्यापक छेदी लाल से चार्ज न लिए जाने से उनके पेंशन आदि की कार्रवाई भी रूक गई। परेशान छेदी लाल ने शिकायत जिलाधिकारी से की पर एबीएसए पर उसका कोई असर नहीं हुआ। मंगलवार को तहसील दिवस में जब उन्होंने शिकायत की तो एसडीएम योगानंद पांडेय ने खंड शिक्षाधिकारी ज्ञान चन्द्र मिश्र को फटकार लगाते हुए फरार चल रहे अध्यापक कमल किशोर को तत्काल निलंबित कर चार्ज किसी अन्य अध्यापक को देने के लिए निर्देशित किया। निलंबन की कार्रवाई के उपरांत बुधवार को विजय चन्द्र नामक अध्यापक की तैनाती कर आठ माह से बंद पडे़ विद्यालय को खुलवाया गया।