अवैध खनन ने बुझाया घर का चिराग
सिद्धार्थनगर :ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आकर मासूम रोहित ने तो जान गवां दी, परंतु इस घटना ने खनन वि
सिद्धार्थनगर :ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आकर मासूम रोहित ने तो जान गवां दी, परंतु इस घटना ने खनन विभाग व प्रशासन दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। रविवार को हजिरवा मोड़ पर जो हादसा पेश आया, कहीं न कहीं इसकी वजह अवैध खनन से जुड़ी है। सूत्रों की मानें तो बिथरिया पंप हाउस के पास सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा था, जिसमें जेसीबी समेत करीब आधा दर्जन ट्रैक्टर ट्रालियां काफी दिनों से लगी हुई थी, अधिक चक्कर लगा कर मिट्टी गिरा कर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में चालक गाड़ी को तेज रफ्तार में चलाकर जाता था, और वापस आकर मिट्टी ले जाता था, तेज गति ही साइकिल सवार बालक के मौत का कारण बनी।
तहसील क्षेत्र में अवैध खनन कोई नई बात नहीं है। नदी के किनारे बालू हो अथवा नहर, बजंर भूमि, तालाब में मिट्टी की खोदाई। खनन विभाग का रवैया ऐसा जैसे कि उससे कोई मतलब ही न हो, और प्रशासन . उसी में कार्रवाई करता था, जब कोई अवैध खनन की सटीक सूचना उस तक पहुंचाता था। कुछ गाड़ियां अगर पकड़ी भी जाती तो लेकर-देकर मामला रफा हो जाता था, यही वजह रही कि खनन माफियाओं का हौसला बढ़ता ही गया। रविवार को दिन में 11 बजे की घटना पर गौर करें तो मासूम रोहित की जान इसी अवैध खनन का नतीजा रही। चालक मिट्टी गिरा कर वापस तेज गति से दुबारा मिट्टी लादने जा रहा था, अचानक जब साइकिल सवार मोड़ पर दिखाई दिया तो चालक के पास इतना समय नहीं बचा था कि कुछ सोच सकें और वह बालक को रौंद कर आगे बढ़ गया।
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सपना चकनाचूर
सोनखर गांव निवासी गुरू चरन के सिर्फ दो ही संतानें थी। इसमें एक लड़की और एक लड़का था। 13 वर्षीय रोहित अपने घर एकलौता चिराग व वारिस था। गरीब पिता मजदूरी के जरिए जैसे-तैसे परिवार का भरण-पोषण करता था। गरीबी के बावजूद वह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ता देखना चाहता था, इसी मकसद के चलते देर से ही सही उसका एडमीशन परसपुर स्थित प्राइवेट स्कूल में कराया, और उसकी कोचिंग के लिए अलग से शिक्षक की व्यवस्था की। वर्तमान में रोहित कक्षा तीन में अध्यनरत था, परंतु एक झटके में पूरे परिवार का उससे जुड़ा सभी सपना चकनाचूर हो गया।
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बचपन में ही उठ गया था मां का साया
दुर्भाग्य गुरू चरन का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोहित जब सिर्फ छह माह का था, उसकी मां का साया तभी से उसके सिर से उठ गया। प्राकृति का खेल भी समझ से परे रहा, उस वक्त रोहित की मां की मौत भी आकस्मिक हुई थी। पिता ने दोनों बच्चों के सहारे जीवन गुजारने की ठान ली थी, मगर प्राकृति को यह भी मंजूर नहीं हुआ और उसके एकलौते बेटे को भी अपने पास बुला लिया। पूरे गांव में रोहित की मौत और उसके परिवार की दर्दनाक कहानी, हर किसी की जुबान सुनाई पड़ रही है।
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सब इंस्पेक्टर ने कहा .
इस बाबत डुमरियागंज थाने के सब इंस्पेक्टर हरि सेवक शुक्ला ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अवैध खनन का मामला तो दूसरा है, फिलहाल अभी तो वह लोग मुकदमे दर्ज करने व शव को पीएम हेतु भेजने की प्रक्रिया में लगे हैं, कोतवाल साहब भी क्राइम मीटिंग में गए हुए हैं। अवैध खनन दूसरा विषय है, उस पर बाद में कार्य किया जाएगा।