मिशन से भटका कौशल विकास
सिद्धार्थनगर बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के लायक बनाने का सपना बुद्ध भूमि पर चकनाचूर
सिद्धार्थनगर
बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के लायक बनाने का सपना बुद्ध भूमि पर चकनाचूर हो रहा है। शासन ने शुरूआती लक्ष्य घटा कर आधा कर दिया बावजूद उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन अपने लक्ष्य से भटक गया है। शासन ने तीन ऐसे संस्थाओं पर भरोसा जताया, जिन्होंने योजना की मंशा पर पानी फेर दिया। प्रशिक्षण के जरिए हुनरमंद हाथों को काम कैसे मिलेगा? अब तो इसपर भी सवाल उठने लगे हैं।
जिले की कुल जनसंख्या 25 लाख 59 हजार 297 के हिसाब से पहले 6 हजार 6 सौ 9 गरीबों को तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत बनने का लक्ष्य रखा गया था। शासन स्तर पर समीक्षा के दौरान प्रगति काफी कमजोर होने पर लक्ष्य कम करते हुए 3 हजार 349 कर दिया। इसके बावजूद प्रगति कमजोर है। शासन ने मात्र तीन श्रीराम न्यू होरिजोन्स लिमिटेड, सहज ई. विलेज लिमिटेड एवं अखंड ज्योति जन कल्याण सेवा समिति को इस काम में लगाया गया है। इनकी भी प्रगति कछुए चाल जैसी है। पहले संस्था ने आवंटित लक्ष्य 974 के सापेक्ष 189 का आवंटन किया है। पांच केन्द्र इन्हें दिये गये हैं लेकिन प्रगति सिर्फ दो पर है। दूसरे संस्था ने 526 के सापेक्ष महज 320 का आवंटन किया है। इनके पांच में तीन केन्द्र संचालित हो रहे हैं। सर्वाधिक खराब स्थिति तीसरे संस्था की है। 12 सौ के आवंटित लक्ष्य में प्रगति 79 है। खराब प्रगति पर जिलाधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार ने प्रमुख सचिव व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखते हुए उक्त तीनों संस्थाओं की लापरवाही को उजागर किया है। कहा है कि संस्थाओं द्वारा केन्द्रों के अवस्थापना में लापरवाही बरती जा रही है। इससे कौशल विकास प्रशिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं की सुस्ती सामने आ रही है। समीक्षा बैठक में इन्होंने यह स्वीकार किया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में नए प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। जिलाधिकारी ने संस्थाओं की संख्या बढ़ाने के लिए भी शासन से अनुरोध किया है। ....................
अब आरटीआई में भी प्रशिक्षण
शासन ने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जनपद के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान डुमरियागंज एवं नौगढ़ को प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में आबद्ध किया है। दोनों सस्थाओं को इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक सेन्टर में पांच-पांच सौ बेरोजगारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया है। मिशन के निदेशक रितु महेश्वरी का यह फरमान जिलाधिकारी के यहां पहुंचा है, जिस पर काम शुरू हो गया है।
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मिशन में यह योजनाएं हैं शामिल
-स्किल डवलपमेंट इनीशिएटिप योजना
-नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन-आजीविका स्किल
- नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन
-स्पेशल सेन्ट्रल एसिस्टेंट टू शेड्यूलड कास्ट सब प्लान
-मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेंट प्लान
-बार्डर एरिया डवेलपमेंट प्रोग्राम
-विल्डिंग एण्ड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स
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आवंटित कोर्स
ब्यूटी कल्चर एवं हेयर ड्रेसिंग
इलेक्ट्रीकल
सिक्योरिटी
रिटेल
रेफ्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग
ट्रेवल एण्ड टूरिज्म
कांस्ट्रक्शन
आटोमोटिव
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मिलेगी सरकारी नौकरी में वरीयता
कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित जो प्रमाण पत्र हासिल करेंगे उन्हें सरकारी नौकरी में वरीयता मिलेगी। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक रितु माहेश्वरी ने अपने आदेश में कहा है कि चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज में पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आयु, जाति व शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र रखें जाएंगे।
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''प्रशिक्षण प्रदाता न मिलने से कुछ दिक्कतें सामने आयी हैं। मात्र तीन संस्थाएं ऐसी मिली हैं, जिनसे प्रशिक्षण का काम लिया जा रहा है। इनकी प्रगति रिपोर्ट काफी खराब है। इससे लक्ष्य को पूरा करना इस वित्तीय वर्ष में संभव नहीं लगता। इससे शासन को अवगत करा दिया गया है। अब शासन ने दो राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बेरोजगारों को प्रशिक्षण करने की अनुमति दी है।
डा. सुरेन्द्र कुमार
जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर