कालेजों में खाली प्रधानाचार्यो के पद
सिद्धार्थनगर : प्राथमिक स्तर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए शासन से नये फरमान तो आते रहते हैं, मगर उच
सिद्धार्थनगर : प्राथमिक स्तर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए शासन से नये फरमान तो आते रहते हैं, मगर उच्च स्तर पर छात्राओं की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गयी है। जिले में स्थापित तीन कन्या इण्टर कालेजों की बदतर स्थिति देखकर जाहिर होता है कि शासन की मंशा बालिकाओं की उच्च शिक्षा के प्रति साफ नहीं है।
पचीस लाख से अधिक आबादी वाले इस जनपद में बालिकाओं की अलग शिक्षा व्यवस्था के लिए तीन राजकीय कन्या इंटर कालेजों की स्थापना तो की गई, लेकिन शिक्षकों व सुविधाओं की कमी के चलते बालिकाओं की शिक्षा पर ग्रहण सा लग गया है। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय कन्या इंटर कालेज में प्रधानाचार्य का पद वर्ष 1995 से रिक्त है। इस पद पर संस्कृत विषय की प्रवक्ता रही श्रीमती रतन सिंह कार्यवाहक भी सेवानिवृत्त हो गई, पर स्थायी तैनाती नहीं हो सकी। मौजूदा समय में भी कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पास ही जिम्मा है। प्रवक्ता के 2, एल.टी. के 5, अनुचर 6 में 4 ही लोग कार्यरत हैं। बस चालक व दफ्तरी का पद वर्षो से रिक्त चल रहा है। धनाभाव में बस गैरेज में जंग खा रही है। यहां फर्जीचर व कमरों की पर्याप्त व्यवस्था तो है, मगर शिक्षिकाओं की कमी के चलते बालिकाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए काफी दौड़ भाग करनी पड़ रही है। हालत यह है कि अर्थशास्त्र, गृह विज्ञान, जीव विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, कला जैसे महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई के लिए दूसरे विषय की शिक्षिकाओं से काम चलाया जा रहा है।
राजकीय कन्या इंटर कालेज बांसी की स्थिति और भी दयनीय है। यहां पर भी प्रधानाचार्य का पद काफी अर्से से रिक्त पड़ा है। प्रवक्ता व एल.टी. के 5-5 पद रिक्त पड़े हैं। बांसी जैसे विशाल आबादी वाले क्षेत्र में बालिकाओं के शिक्षा के प्रति जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पा रही है। फिलहाल जो व्यवस्थाएं मौजूद हैं उसमें दुर्व्यवस्थाओं के चलते बालिकाओं को समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। मंगल बाजार में किराये पर चल रही उक्त विद्यालय की दशा काफी दयनीय है। इसकी दशा सुधारने के लिए किसी मसीहा का इंतजार है।
इसी प्रकार राजकीय कन्या इंटर कालेज डुमरियागंज में प्रधानाचार्य व प्रवक्ता के सभी पद क्रमश: एक व 4 पद लगभग 15 वर्षो से रिक्त पड़े हैं। एल.टी. के स्वीकृत 12 में 6, अनुचर के 11 में 2 पद रिक्त चल रहे हं। दफ्तरी व जीप चालक का पद खाली पड़ा है। धनाभाव व चालक की तैनाती न होने से बस विद्यालय परिसर में मात्र शो पीस बनकर रह गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. बृजभूषण मौर्य ने कहा कि रिक्त पदों की सूचना समय-समय पर शासन व विभागीय स्तर पर प्रेषित की जाती है। उपलब्ध व्यवस्था में बालिका शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हूं।