गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है ध्वज
सिद्धार्थनगर : कहानियां व्यक्तित्व को स्थापित करती है। इतिहास एक संगठन को बनाता है। ध्वज गौरवशाली इ
सिद्धार्थनगर : कहानियां व्यक्तित्व को स्थापित करती है। इतिहास एक संगठन को बनाता है। ध्वज गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। देश सेवा व लोक सेवा में कौशल, शौर्य से अप्रतिम योगदान दिया गया है।
यह बातें पुलिस अधीक्षक केके चौधरी ने कहीं। वह रविवार को पुलिस लाइन क्वार्टर गार्द में ध्वज दिवस के अवसर पर झंडारोहण कर रहे थे। उन्होंने जवानों में जोश भरते हुए कहा कि ध्वज प्रेरणा के साथ एक नई ऊर्जा का संचार करता है। पुलिस कप्तान ने कहा कि ध्वजों का इतिहास नेपोलियन बोनापार्ट से जुड़ा हुआ है। विभिन्न युद्ध मुहिम में जाने वाली सैन्य टुकड़ी अलग-अलग ध्वजों के माध्यम से अपनी पहचान बनाती थी। सैनिक इसके सम्मान में बलिदान करने को तत्पर रहते थे। इसके बाद नेपोलियन ने सीने के बाएं, हृदय के ऊपर प्रतीक चिन्हों को रिबन के रूप में बांधने की प्रथा ने जन्म लिया। उसी फ्रांसीसी सभ्यता को वर्दीधारियों ने धारण किया है। महाभारत काल में भी ध्वज का विवरण मिलता है। अर्जुन के रथ के ऊपर भी एक ध्वज पताका थी। स्वतंत्रता के बाद पुलिस चरित्र में परिवर्तन हुआ। ब्रिटिश पुलिसिंग से भारतीय पुलिस परिवर्तित हुई। उत्तरदायित्वों एवं निर्वहन में बदलाव आया। पुलिस के जवान सद्जनों की रक्षा व दुष्टों के नाश के लिए वर्दी को धारण करते है। क्षेत्राधिकारी सदर रचना मिश्रा ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश में प्रदेश पुलिस प्रथम राज्य बल है, जिसे कलर प्रदान किया गया है। सीओ यातायात दीप नारायण त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश पुलिस का यह ध्वज हमें अपने कर्तव्य को निभाने की प्रेरणा देता है। उपनिरीक्षक संजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में ध्वज को गार्द सलामी प्रदान की गई। इसी क्रम में पुलिस दफ्तर परिसर में अपर पुलिस अधीक्षक श्रीप्रकाश द्विवेदी ने झंडारोहण किया। कहा कि बल को सत्य निष्ठा से कार्य करते हुए पुलिस ध्वज के मान सम्मान को बरकरार रखना होगा।