एक्सरे खराब, अल्ट्रासाउंड मशीन दूसरे के हाथ
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के गरीबों की स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है। कहने को तो बेवा में सामुदायिक स
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के गरीबों की स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है। कहने को तो बेवा में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र स्थापित है, यहां की चिकित्सीय सेवा बदहाल है। डाक्टर-कर्मचारी रहते नहीं है। रोगों की जांच के नाम पर भी कुछ नहीं है। एक्सरे खराब तो अल्ट्रासाउंड मशीन दो वर्ष पूर्व जिला अस्पताल पर गई, अब तक वापस नहीं आई।
अस्पताल में खून, पेशाब की जांच तक नहीं हो पाती है। लैब टेक्नीशियन के बारे में पता चला कि वह आए दिन गायब रहते हैं। केंद्र पर एक्सरे मशीन लगी है, मगर कभी फिल्म का अभाव तो कभी मशीन खराब रहती है। पूर्व सांसद मो. मुकीम के प्रयास से करीब छह वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई थी, कुछ वर्ष बिना विशेषज्ञ हाथी के दांत नुमा पड़ी रही, फिर दो वर्ष पहले उसे जिले पर उठवा लिया गया, फिर अब तक वापस नहीं आई। अस्पताल में बिजली समस्या आए दिन खड़ी रहती है। छोटा जनरेटर गड़बड़ रहता है, चार-पांच महीने पहले बड़ा जनरेटर उपलब्ध कराया गया, जिसके फाउंडेशन का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को मिला, जिसके द्वारा निरंतर लापरवाही बरती जा रही है। पिछले दिनों मंडलायुक्त द्वारा सीएचसी का निरीक्षण किया गया, जनरेटर समस्या पर कंपनी को पत्र लिखने के लिए जिलाधिकारी से कहा गया, परंतु इसके बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई। जनरेटर के आसपास घास-फूस उग आई है।
ओम प्रकाश चौधरी, मो. हमीद, अशोक मिश्रा, विजय बहादुर, ईश्वरी प्रसाद मिश्र, अतीकुल्लाह, नौशाद आदि ने कहा कि अस्पताल में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा बेमानी है।
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''फाउंडेशन बन चुका है। जनरेटर उस पर रखा गया नहीं है। जेसीबी के जरिए उसे रखा जाएगा। अल्ट्रासाउंड मशीन जिले पर होने की बात है तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं, पता करते हैं क्या मामला है। अनुपस्थित डाक्टरों की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।''
डा. बी के गुप्ता,
मुख्य चिकित्साधिकारी