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मंगलमय जीवन के लिए पंचशील सिद्धांत अहम

सिद्धार्थनगर : नागपुर (महाराष्ट्र) से पधारे भिक्खु प्रियदर्शी ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन को सुखमय

By Edited By: Published: Mon, 17 Nov 2014 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 17 Nov 2014 10:49 PM (IST)
मंगलमय जीवन के लिए  पंचशील सिद्धांत अहम

सिद्धार्थनगर : नागपुर (महाराष्ट्र) से पधारे भिक्खु प्रियदर्शी ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन को सुखमय व मंगलमय बनाने के लिए भगवान बुद्ध के बताए पंचशील के सिद्धांत को जीवन में उतारे। मानव जीवन को एक न एक दिन समाप्त हो जाना है, ऐसे में सभी अपने लिए सच्चा मार्ग ही चुने।

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प्रियदर्शी रविवार सायं तहसील अन्तर्गत ग्राम चिताही में धम्म जागरण सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित धम्म देशना/दीक्षा कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। आगरा से आए अमित प्रिय की अध्यक्षता हुए प्रोग्राम में मुन्नी लाल बौद्ध (बनारस) ने कहा कि मानवीय दुख का मूल कारण राग और द्वेष है, जब तक मनुष्य इसके अधीन रहेगा, निश्चिय ही दु:खी रहेगा। प्यारे लाल बौद्ध ने बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के संदेश अनुयायियों को बताते हुए उनके आदर्शो पर चलने हेतु आह्वान किया। अध्यक्षीय संबोधन में भिक्षु अमित प्रिय ने कहा कि भारत के इतिहास में क्षत्रिय वंश में पैदा हुए सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध ने समाज के अपेक्षित और अछूत कहे जाने वाले लोगों को गले लगाया, उनके घर में पानी पिया, उन्हें सामाजिक अधिकार दिया।

संचालन तुलसी राम वर्मा ने किया। भन्ते बुद्ध वंश, चंद्रबली, राम सवांरे, शिव प्रसाद, राम बक्स गौतम, मनीराम बौद्ध, ज्वाला प्रसाद राजभर, संतकुमार, साधू, सहज राम, वैजनाथ, शेषराम, राजेश, ओम प्रकाश, राम हरख, राम यज्ञ, बच्चा राम, इकबाल आदि उपस्थित रहे।


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