दूषित जल बीमारी की जड़
सिद्धार्थनगर : शुद्ध जल जीवन का आधार है, इसके बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना बेमानी है। ऐसे में जल की
सिद्धार्थनगर : शुद्ध जल जीवन का आधार है, इसके बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना बेमानी है। ऐसे में जल की जांच कराने के बाद ही उसका सेवन करें। जिससे जलजनित बीमारियों से बचा जा सके।
सोमवार को इटवा ब्लाक सभागार में जिला ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा आयोजित ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रम में ग्राम पंचायत सदस्यों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन वरिष्ठ प्रशिक्षक डा. पंकज कुमार सैनी ने कहा कि सरकार की मंशा है कि शुद्ध पेयजल के लिए सभी नागरिक जागरुक हों, जिससे ग्रामीण अंचलों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से मुक्ति दिलाई जा सके। ऐसे में सभी सदस्य अपने गांव में इंडिया मार्का हैंडपंप व देशी नलों के पानी की जांच कर उसमें मौजूद बैक्टीरिया व रासायनिक पदार्थो के बारे में अवश्य पता लगाए। प्रशिक्षक हंसराज यादव ने कहा कि जल श्रोतों के निकट गंदगी न हो, इस पर गंभीर रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। हैंडपंप के पास गंदगी होने से जीवाणु पानी के अंदर चले जाते हैं, जिसका पानी पीकर लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। जवाहिर, राम मिलन, गोबरे, फूला, वीरेंद्र कुमार, कन्हैया गोपाल, कल्पनाथ, ओम प्रकाश, कृष्ण कुमार, इम्तियाज अली आदि ग्राम प्रधान व सदस्यों की मौजूदगी रही।
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प्रशिक्षण से नदारद रहे सदस्य
इटवा : प्रशिक्षण के अंतिम दिन ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या काफी कम दिखी। जिनके लिए लगी खाली कुर्सियां यह बताने के लिए काफी रही कि वह शुद्ध पेयजल के लिए अपने गांवों में लोगों को जागरूक करने के प्रति कितने गंभीर है। प्रशिक्षक हंसराज यादव ने बताया कि वर्तमान में धान कटाई व गेहूं बुआई का समय चल रहा है, ऐसे में लोग प्रशिक्षण में आते हैं, मगर थोड़ा देरी से आते हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण देने की मजबूरी है।