ग्राम पंचायतों के परिसीमन में सरकारी मंशा फेल
सिद्धार्थनगर : ग्राम पंचायतों के परिसीमन में जिम्मेदारों की मनमानी से अधिकांश ठगा सा महसूस कर रहे
सिद्धार्थनगर : ग्राम पंचायतों के परिसीमन में जिम्मेदारों की मनमानी से अधिकांश ठगा सा महसूस कर रहे हैं, जिससे शासन की मंशा पर पान फिरता नजर आ रहा है।
लोटन विकास खंड में परिसीमन के बाद चार नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। इसके लिए सात ग्राम पंचायतों के दर्जन भर टोले इधर-उधर किए गए हैं, जिनमें से अधिकाश टोलों के लोग असंतुष्ट हैं। नवसृजित ग्राम पंचायत तरघौना के टोला धन्धरा के ग्रामीण पहले ही जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर अपना विरोध जता चुके हैं, जबकि नवसृजित अजान ग्राम पंचायत में सर्वाधिक असंतोष व्याप्त है। अजान व मुड़िला अदाई के बीच नाला है तथा आवागमन हेतु सीधा कोई संपर्क मार्ग भी नहीं है। मुड़िला अदाई के कुछ लोगों ने अजान से अलग होने के लिए आवेदन भी दिया था, बावजूद इसके इनको एक में जोड़कर रखा गया है।
ग्राम पंचायत हरिगाव के टोला करमी को सुसुनहा में जोड़ा गया है, जबकि दोनों टोलों के बीच नाला है व संपर्क मार्ग का भी अभाव है। करमी के लोग हरिगाव से अलग होना भी नहीं चाहते। इसी प्रकार पोखरभिटवा के टोला बेलवा व देउरवा के ग्रामीणों ने बीच में नाला होने के कारण पोखरभिटवा को अलग किये जाने की माग की थी पर अलग नहीं किया गया। सैनुआ व रुद्रमनडाड़ी के बीच ताल पड़ता है, फिर भी दोनों टोलों को एक में रखा गया है।
करमी के श्रीराम, प्रहलाद, अशोक, गोविंद, सुनील ने मुख्यमंत्री, जिला पंचायत राज अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत को पत्र लिखकर राजस्व ग्राम करमी को यथावत रखने की मांग की है।