पर्यावरण के लिए पटाखें न जलाने का संकल्प
सिद्धार्थनगर : मंगलवार को सिद्धार्थ मार्डन स्कूल के छात्रों ने पटाखों की गूंज व धुएं से होने वाले ध
सिद्धार्थनगर : मंगलवार को सिद्धार्थ मार्डन स्कूल के छात्रों ने पटाखों की गूंज व धुएं से होने वाले ध्वनि एवं वायु प्रदूषण से मुक्ति का संदेश आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए संकल्प लिया।
पर्यावरण सुरक्षा को लेकर उनके द्वारा लगाये जा रहे नारे आम जनमानस को इस बार दीपावली को प्रदूषण मुक्त रखने के गूंज दूर तक सुनाई दे रही थी। विद्यालय के प्रधानाचार्य जगदंबिका सिंह ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण होने से बीमारियों को बल मिलता है। यदि जागरुक नहीं हुए तो आने वाले दिनों में हमारी पूरी सृष्टि ही खतरे में पड़ जायेगी। पटाखों की गूंज से अधिकांश पंछी डर की वजह से मर जाते हैं। इसके साथ ही उच्च रक्त चाप के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। शिक्षक शंभू सिंह, अर्चना पांडेय, नागेन्द्र, सुमित कुमार, लता सिंह समेत आर्यन श्रीवास्तव, महक श्रीवास्तव, विजय प्रताप सिंह, प्रिया गौड़ व हर्ष आदि छात्र मौजूद रहे।
ब्रह्मार्षि बावरा सिद्धार्थ विद्यापीठ के छात्रों ने इस दीपावली पर पटाखा न फोड़ने का संकल्प लिया। प्रबंधक चंद्रेश शास्त्री ने कहा कि दीपावली का पर्व अंदर और बाहर दोनों तरफ स्वच्छता के लिए है न कि प्रदूषण के लिए। पटाखों के द्वारा जन और धन की क्षति तो होती ही है पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। भगवान श्रीराम ने रावण को मारा है तो हमें अपने बुराई रूपी रावण को मारना चाहिए। अंधेरे से प्रकाश की ओर जाने के लिए ज्ञान का दीप जलाने का संकल्प लेना चाहिए। पटाखा फोड़ना पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ दीपावली के विपरीत मानसिकता का परिचायक है। छात्रों ने कहा कि बड़े, बुजुर्गो को मिठाई खिलायेंगे। अपने व्यवहार और वाणी के द्वारा वातावरण के मिठास को बढ़ायेंगे। सुधीर त्रिपाठी, विद्या निवास त्रिपाठी, बबीता गौतम, गुड़िया गुप्ता मौजूद रहे।