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प्रधानी चुनाव में कोटेदार बने मोहरा

सिद्धार्थनगर : प्रधानी चुनाव में कोटेदार अहम मोहरा बन गये है। चुनावी समीकरण में इनका साथ लाभप्रद मान

By Edited By: Published: Tue, 14 Oct 2014 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 14 Oct 2014 10:39 PM (IST)
प्रधानी चुनाव में कोटेदार बने मोहरा

सिद्धार्थनगर : प्रधानी चुनाव में कोटेदार अहम मोहरा बन गये है। चुनावी समीकरण में इनका साथ लाभप्रद माना जा रहा है। ऐसे में विरोधी गुट खिलाफत करने के साथ निगाहे ग्राम प्रधान की कुर्सी पर टिका दी है। चुनाव की आहट से गंवई राजनीति के चलते कोटे की शिकायतों की गठरी मोटी हो रही है।

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जनपद में 9 सौ 99 ग्राम पंचायतें है। शायद ही कोई ग्राम सभा ऐसा हो जहां की शिकायत अधिकारियों के पास न पहुंची हो। तहसील प्रशासन व विभाग भी ऐसे मामलों को लटका कर रखने में माहिर हो गया है। बीते दो माह के अंदर तहसील दिवस में 1 हजार 2 सौ 48 दुकानों की शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके अलावा जिला पूर्ति कार्यालय, तहसीलों में पूर्ति निरीक्षकों के पास करीब 4 हजार शिकायतें पहुंची हैं। अधिकतर शिकायतों में खाद्यान्न न बांटने, कोटेदार द्वारा दबंगई, कालाबाजारी, घटतौली आदि की शिकायत सामान्य हैं। विभाग ऐसे में कार्रवाई के नाम पर कुछ समय के लिए दुकान को दूसरे कोटेदार से संबद्ध करने के साथ जमानत राशि में कटौती करने की रस्म अदायगी का काम करता है। बर्डपुर नम्बर 11 निवासी सुशील कुमार मिश्र ने 10 अक्टूबर को एसडीएम सदर के पास शिकायत दर्ज कराया कि निलंबित कोटेदार ने जबरन खाद्यान्न का उठान करा कर वितरित कर दिया, जबकि अधिकारी ने बर्डपुर नम्बर 13 के उचित दर दुकान से संबद्ध कर दिया था। निलंबित दुकानदार ने बीपीएल पात्रों को गल्ला नहीं बाटा। कागज जांच के नाम पर मेज का चक्कर काट रहा है। दूसरा मामला शोहरतगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत अर्री का है। दर्जन की संख्या में ग्रामवासियों ने 29 सितम्बर को उपजिलाधिकारी एवं 1 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर कोटेदार की शिकायत किया। कहा कि मिट्टी का तेल, चीनी व खाद्यान्न देने के समय तौल में धांधली करता है। नेपाल में पीडीएस का खाद्यान्न खुलेआम ब्लैक करता है, कालेधन से जायदाद बना लिया है। अगर कोई विरोध करता है मारपीट पर उतारू हो जाता है। ग्रामीणों के मुताबिक फिलहाल कागज अभी आगे नहीं बढ़ पाया है। उसका बाजार विकास खंड के ग्राम पंचायत सोहांस खास के उचित दर दुकान पर न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार विभाग व तहसील प्रशासन उसे बचाने में जुटा है।

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''दो माह के भीतर कोटे की दुकानों की शिकायतें अधिक हुई हैं। इसका एक कारण आगामी चुनाव है। विभाग सभी को गंभीरता से ले रहा है। जांच में अगर कहीं गड़बड़ी मिल रही है, तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किया जाता है। जो शिकायतें लंबित है, जल्द ही उसका भी निस्तारण किया जायेगा।''

एपी सिंह

जिला पूर्ति अधिकारी

सिद्धार्थनगर


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