प्रकृति से खेल करना बड़ा अपराध
सिद्धार्थनगर : वनस्पति व प्रकृति से जिसने भी खेल करने का प्रयास किया उसका सर्वनाश हुआ। जिसका उदाहरण
सिद्धार्थनगर : वनस्पति व प्रकृति से जिसने भी खेल करने का प्रयास किया उसका सर्वनाश हुआ। जिसका उदाहरण रावण व कंस हैं। इसी तर्ज पर अमेरिका, चीन और पाकिस्तान भी चल रहा है, जिसका नाश आने वाले समय में निश्चित है।
उक्त बातें स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती जी महाराज श्रीआदि जगत गुरू शंकराचार्य महा संस्थान सुमेर मठ काशी ने कही। वह बुधवार रात चकमारूफ चौराहे पर स्थित श्री आदि शक्ति दुर्गा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि मानव के पास शक्ति, बुद्धि व धन की संपन्नता नहीं है तो वह बेकार है। इसलिए शक्ति की उपासना को महत्वपूर्ण बताते हुए इसका प्रयोग बुराई में करने के बजाय धर्म मार्ग जो जनता की भलाई की ओर जाता हो, पर लगा कर जीवन को सफल बनाने पर जोर दिया। इससे पहले संगीमयी राम कथा में पंडित प्रमोद शास्त्री व साध्वी इंदू दीदी ने उपस्थित श्रोताओं को सुना कर सराबोर कर भक्ति भाव के सागर में गोते लगाने पर विवश कर दिया। प्रवचन से पूर्व सरस्वती महाराज की आरती व माल्यार्पण मुख्य रूप से आयोजक घमालू वर्मा, बाबूलाल वर्मा, सपा नेता अशोक कुमार सिंह, नपा अध्यक्ष प्रतिनिधि मधुसूदन अग्रहरि, श्याम सुंदर अग्रहरि शाहपुर, अजय पाण्डेय, कन्हैया, शिवपूजन, आदर्श श्रीवास्तव आदि तमाम लोगों द्वारा किया गया।