हे विधाता! कहीं का न छोड़ा
सिद्धार्थनगर : अन्नदाता परेशान है धान के लिए। कुदरत ने आंख क्या तरेरी, वह बेचारा न घर का रहा और घाट का। सूरज की आग से झुलसी उसकी फसलें बाढ़ में डूब गई। खेतों से पानी सरक कर उसकी आंखों में पहुंच चुका है। कहीं दलदली माटी है तो कहीं अंगार उगलते खेत और उसे निहारते किसान को चिंता है कि उसके अरमान अब कैसे पूरे होंगे? कैसे बेटी के हाथ पीले होंगे? कैसे घर का चूल्हा जलेगा? आंखों से ढुलकते आंसू साफ कह रहे हैं कि इस बार विधाता ने उसे कहीं का न छोड़ा।
बुद्ध भूमि को धान का कटोरा भी कहा जाता है, मगर यह शायद पहली बार हो कि इस बार अन्नदाता ही धान के लिए तरस जाएं। वजह बाढ़ व सूखे की मार से वह बेजार हैं। जिले में 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई थी। इसमें से लगभग 83 हजार हेक्टेयर धान की फसल इससे प्रभावित हुई है। 35 हजार हेक्टेयर धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। बाढ़ से पांच तहसीलों में कुल 214 गांव प्रभावित हुए है। इसमें 81 मैरुण्ड थे। कृषि विभाग द्वारा शासन को भेजी गई सूचना के मुताबिक सूखे के कारण 61 हजार 475 हेक्टेयर धान के फसल पर सूखे की मार पड़ी है। इससे लगभग 20 फीसद 12 हजार हेक्टेयर क्षति हुई है। 23 हजार 735 हेक्टेयर अनुमानित नुकसान धान की फसल का बाढ़ से हुआ है। कृषि निदेशक आदेश कुमार विशनोई द्वारा 2 सितम्बर को जनपद से नुकसान के बारे में मांगे ब्योरा से इसकी पुष्टि भी हुई हैं। एक हेक्टेयर में लगभग 28 हजार रुपये के धान की फसल उत्पादन होता है। इससे लगभग 1 अरब रुपये का अनुमानित नुकसान प्रशासन मान रहा है। इटवा क्षेत्र के बैरिया खालसा निवासी राम लखन ने बताया बाढ़ 2 बीघा धान की फसल निगल गयी। अब बच्चों को पेट कैसे भरेगा? अब तो गेहूं की खेती के लिए कर्जा लेना पड़ेगा। चेचराफ बुजुर्ग निवासी अब्बास ने बताया कि घर की गाढ़ी कमाई को खर्च करके 5 बीघा धान का फसल लगाया था। 6 माह बाद लड़की की शादी भी करनी है। चेचराफ बुजुर्ग निवासी किसान जब्बार की 8 बीघा फसल नष्ट हो गई। बच्चों का पेट कैसे भरेगा, यह अहम सवाल है। भैसाही जंगल निवासी किसान सोमन भी सैलाब व सूखे से पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।
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''बाढ़ के चलते क्षति हुए प्रत्येक हेक्टेयर धान की फसल की भरपायी के लिए 6 हजार रुपये अनुदान मिलेगा। सर्वे कराने के लिए लेखपालों को निर्देश दिया जा चुका है। सर्वे पूरा होने पर किसानों को राहत वितरण का अनुदान दिया जाएगा।''
जगदीश
अपर जिलाधिकारी
''पीडि़त किसानों को संशोधित फसल बीमा योजना इफ्को टोकियो बीमा कंपनी लगभग 50 हजार रुपये की प्रति हेक्टेयर की दर सहायता देगी। इस योजना में वहीं किसान लाभ पाएंगे जिनका किसान क्रेडिट कार्ड बना होगा।''
एसएन चौधरी
जिला कृषि अधिकारी
सिद्धार्थनगर