खतरे में मासूमों की जान, महकमा अनजान
सिद्धार्थनगर : बच्चों की जिन्दगी सुरक्षित रहे, इसकी परवाह शिक्षा विभाग को नहीं है। आए दिन दुघर्टनाओं में बच्चों के घायल होने के बाद भी महकमा सो रहा है। लोटन विकास खंड अन्तर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर स्थित बड़हरा का जर्जर भवन कभी भी मासूमों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
पूर्व में बना भवन तो पहले से जर्जर है, पर हाल ही में बना अतिरिक्त कक्षा-कक्ष भी इसी हालत में पहुंच चुका है। समय रहते अगर जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दिये तो कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। डेढ़ वर्ष पूर्व एक अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया गया, जिसकी छत सांचा खोलते ही गिर गई थी। ठेकेदारों ने आनन-फानन में दूसरी छत तो लगवा दी लेकिन साफ-सफाई आज तक नहीं हुई। दरवाजे खिड़की की बात करना ही बेइमानी होगी। वहीं बरसात होते ही पुराना एवं नव निर्मित भवन टपकने लगता है। पिछले दिनों विद्यालय की बाउण्ड्रीवाल अचानक गिर गई, जिसकी चपेट में आने से स्कूल की 6 वर्षीय छात्रा वन्दना घायल हो गई। उसका एक हाथ व एक पैर टूट गया। अतिरिक्त कक्ष की दीवार अपने आप गिर रहीं है, उसमें पडे़ बीम में भी दरारें पड़ने लगी हैं। किचन की हालत तो बद से बदतर है। उसका छज्जा कब गिर जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। शौचालय कूड़ा घर में तब्दील हो चुका है। ग्रामीण सावित्री देवी का कहना है कि बिटिया वन्दना का चहारदीवारी गिरने से बायां हाथ व दायां पैर टूट गया। शैलेष कुमार बताते है कि यदि पहले ही विभाग द्वारा ध्यान दिया गया होता तो आज ये नौबत नहीं आती। गांव के ही राकेश की माने तो किचेन शेड पूरी तरह से जर्जर है। दशरथ ने कहा कि भवन बनने में ही मानक की अनदेखी की जाती है।
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'' बाउण्ड्रीवाल गिरने की जानकारी मिली थी, भवन प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है। बच्ची के चोटिल होने की जानकारी नहीं है, प्रधानाध्यापक से जानकारी करने के बाद ही कुछ बता सकता हूं। ''
हेमंत राव
खंड शिक्षा अधिकारी,लोटन