जिले के खाते में पहली बार आया उत्कृष्ट सेवा सम्मान
सिद्धार्थनगर : आखिरकार मुबारक की सेवाएं विभाग के फैसलें पर भारी पड़ ही गई। परिणाम यह हुआ कि गत 14 अगस्त की रात में पहले शासन से मिश्रौलिया थाने के मुख्य आरक्षी विंध्यवासिनी साहनी का नाम फाइनल हुआ, मगर बाद में मुबारक की फाइल पढ़ने के बाद देर मुबारक के नाम का लेटर पुलिस अधीक्षक आवास पर आ गया। शुक्रवार को पुलिस लाइन में मुबारक व जिले दोनों के लिए यह पहला मौका था, जब उसके खाते में उत्कृष्ट सेवा सम्मान आया हो। उन्हें सम्मान मिला तो होठ अनुशासन पर सिले हुए थे, मगर आंखों की नमी में भावुकता साफ झलक आयी।
सुबह ध्वजारोहण के पश्चात आरक्षी मुबारक को जवानों ने बाकायदे सलामी दी। पुलिस अधीक्षक के.के.चौधरी ने उत्कृष्ट सेवा सम्मान के लिए वर्दी पर बैज लगा। मुबारक के लिए यह पहला मौका था जब उन्हें खुद यह सम्मान मिल रहा था, नहीं तो इससे पूर्व उन्होंने किसी साथी को यह सम्मान पाते देखा और अपने ही लोगों को सलामी दी। यह सम्मान अपने हिस्से में आया तो मुबारक के मुंह से कोई शब्द ही नहीं छूटा। बस आंखें नम हो गई। बता दें मुबारक पिछले बीस वर्षो में डेढ़ सौ से अधिक घटनाओं का खुलासा करा चुके हैं। कई बार उनकी मदद से पुलिस ने गोरखपुर में दस हजार ईनामी बांठे यादव, दस हजार का ईनामी शिव प्रसाद ढाढ़ी, आजमगढ़ के बीस हजार के ईनामी शिवदास यादव को पकड़ा गया। वर्ष 1991 में इटवा में ओम छापड़िया का जब पेट्रोलपंप लूटा गया था तो अभियुक्त को दौड़ा कर पकड़ा था। इस घटना से तत्कालीन जिलाधिकारी डी.एन.राय इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने एक सादे कागज पर उन्हें रायफल का लाइसेंस जारी कर दिया।