जीवन में दूसरों की करें सेवा
सिद्धार्थनगर : संत निरंकारी मिशन द्वारा 'मुक्ति पर्व' शुक्रवार को मंडी परिषद के परिसर में मनाया गया, जिसमें नेपाल के ज्ञान प्रचारक कृष्ण कन्हैया पाठक ने निरंकारी महात्माओं को उपदेश दिया कि जीवन में दूसरों की सेवा करें तथा जन्म-मरण के चक्कर में न फंसकर निरंकार परमात्मा को जान लें।
श्री पाठक ने कहा कि नेपाल में मुक्ति पर्व 16 अगस्त को मनाया जाता है। इसलिए यहां भी आने का अवसर मिला। निरंकार परमात्मा को जानने के लिए सेवा नि:स्वार्थ भाव से करना चाहिए किसी भी प्रकार की अपेक्षा नहीं करना चाहिए पर संसार के लोग विश्वास नहीं करते हैं। कहा कि भौतिक आंखों व ज्ञानेंद्रियों से जो हम देखते हैं वह सत्य नहीं है। सिर्फ माया है। सत्य को देखने के लिए आंखें गुरू देता है। उसके बताये हुए मार्ग 'सेवा, सुमिरण, सत्संग' पर चलने से लोग गलत दिशाओं में नहीं भटकते हैं। मानव जीवन पाकर भी इंसान अगर कर्म नहीं किया तो उसे 84 लाख योनियों में जाना पड़ेगा। संयोजक सत्य नरायन, मुखी घनश्याम सिंह, डा. राजाराम यादव, बृजमोहन, साधना, मोतीराम मौर्या, डा. अरुण कुमार, गुलाब, राम प्यारे, पूर्व प्रमुख शांति पासवान, प्रेम पासवान, रेखा, राजूराम, महेन्द्र राय, रमेश प्रमिला, कविता, गोविंद, रमेश, सेवादल प्रमुख ज्ञानदास, चेतराम, सत्यम, सलोनी ने भी अपने विचार रखे। आयोजक मुखी डा. राजाराम यादव ने सबका सम्मान किया। मुक्ति पर्व के पावन पर्व पर जनपद के संत निरंकारी महात्माओं में तीन दर्जन सज् ज्यादा लोगों ने नेपाल के ज्ञान प्रचारक से ज्ञान प्राप्त कर निरंकार प्रभु से जुड़े तथा आशीर्वाद प्राप्त किया।