कुश पूज मांगी पूत की दीर्घायु
सिद्धार्थनगर : भादों माह के षष्ठी को शनिवार के दिन श्रद्धालु महिलाओं ने पुत्र के दीर्घायु होने के लिए व्रत रखा। रिमझिम बारिश के बीच माताएं प्रात: काल से ही नगर के जीजीआइसी, सिंहेश्वरी इंटर कालेज, विद्या मंदिर आदि स्थानों पर कुश की पूजन के लिए लाइन लगी रही।
पूजा के समय महिलाएं नए वस्त्र पहन पूजा करने के लिए निकल पड़ी। स्कूलों के मैदान में लगे कुश की पूजा करने के बाद सामूहिक कथा सुना। मान्यता के अनुसार व्रती महिला हल से जोताई किए हुये खेत का कोई अन्न ग्रहण नहीं करना होता है। अरवी का साग, तिन्नी का चावल, महुआ का भोग लगाया जाता है।
आचार्य इन्द्रासन मिश्रा कहते है कि मान्यता के अनुसार भादौं माह के षष्ठी को छठी देवी की पूजा की जाती है। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना में सर्वप्रथम कुश (घास) की रचना किया। इसके बाद इसमें विष्णु व शिव ने दीर्घायु होने का वरदान दिया। यशोदा माता, देवकी, कौशल्या मां ने पूजा कर पुत्र के दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त किया।
डुमरियागंज कार्यालय के मुताबिक स्थानीय तहसील क्षेत्र की भी पुत्र वती महिलाओं ने अपने पुत्रों के लंबे जीवन एवं सुखी भविष्य के लिए माताओं ने हलषष्ठी व्रत रखा। पूजन-अर्चन के साथ पुत्रों की दीर्घायु की कामना की। नगर पंचायत मुख्यालय स्थित निरीक्षण भवन व बनगवां स्थित पोखरे पर विशेष उत्साह नजर आया। व्रत रखी माताएं उक्त स्थानों पर हलषष्ठी माता की पूजा अर्चना की। व्रती महिलाओं ने कुश एवं महुआ का डंठल लगाकर हलषष्ठी माता को तिन्नी का चावल, महुआ और दही का भोग लगाया। सुबह से शुरू पूजन का सिलसिला दोपहर तक जारी है। इस अवसर डाक बंगले के अंदर व बनगवां में मेले का भी आयोजन हुआ। इसमें बच्चों का उत्साह का काफी अधिक रहा। मेले में विभिन्न वस्तुएं, खिलौने खरीदकर बच्चे लुत्फ उठाते देखे गए। पर्व पर शांति व्यवस्था हेतु स्थानीय पुलिस भी मुस्तैद रही।