सावन मास में भी सफाई ध्वस्त
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : बरसात के महीने में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा वैसे ही बना रहता है, बावजूद इसके पौराणिक एवं धार्मिक स्थल भारत भारी में चौतरफा गंदगी का साम्राज्य स्थापित हैं। यहां सावन मास के पवित्र अवसर पर विभाग सफाई व्यवस्था दुरूस्त रखने में नाकाम साबित हो रहा है।
गांव में पांच महीने से सफाई कर्मी का पद रिक्त हैं। स्थानीय स्तर से लेकर जिले के अधिकारियों को समस्या के प्रति अवगत कराया गया। सफाई कर्मी की नियुक्ति शीघ्र करने एवं सावन मास में रोस्टर के हिसाब से सफाई कराने का दावा किया गया, मगर अब तक सारे दावे हवा-हवाई बने हुए हैं। किसी की तैनाती नहीं हुई जबकि रोस्टर के हिसाब से भी किसी दिन यहां गंदगी से निजात दिलाने के लिए कोई अभियान नहीं चला। स्थिति यह है कि प्रमुख स्थानों पर जगह-जगह कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है, कहीं-कहीं गंदा पानी जमा है तो नालियां बजबजा रही हैं। सावन मास में शिव मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को नाना प्रकार की कठिनाईयां तो उठानी ही पड़ती हैं, ग्रामवासियों को भी सुकून की सांस लेना दूभर बना हुआ है।
ग्राम प्रधान बेचन समेत रामानंद सागर, मंगरू, सोनल, विशम्भर, घनश्याम, अल्ताफ आदि ने विभाग प्रशासन से इस दिशा में कड़े कदम उठाये जाने की मांग की है।
''समस्या संज्ञान में है। अगल-बगल के गांव छोटे गांवों में जो अन उपयुक्त रूप से सफाई कर्मी तैनाती है, उन्हें वहां से हटाकर जल्द ही भारत भारी में पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी की नियुक्ति कर दी जाएगी।''
बीडी पाण्डेय
डीपीआरओ, सिद्धार्थनगर