पहचान पत्र के अलावा वोट देने के लिए 11 विकल्प
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : लोकसभा चुनाव में ऐसे मतदाता भी वोट देने के हकदार होंगे, जिनके पास फोटो पहचान पत्र नहीं है। इनके लिए निर्वाचन आयोग ने 11 विकल्प दिए हैं। उनमें से कोई एक प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।
उपरोक्त आशय की जानकारी मुख्य प्रशिक्षक व खंड विकास अधिकारी के.डी. गोस्वामी ने दी। वह बुधवार को लोहिया कला भवन में पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारी प्रथम के प्रशिक्षण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मतदाता पहचान खो जाने अथवा न होने की दशा में मताधिकार का प्रयोग पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य/केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/पब्लिक कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, बैंकों/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, आयकर पहचानपत्र (पैनकार्ड), आधार कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, मनरेगा जाबकार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटो मतदाता पर्ची में से कोई एक विकल्प होना चाहिए।
मतदेय स्थल पर पहुंचने के बाद उठाये जाने वाले कदम की जानकारी देते हुए गोस्वामी ने बताया कि बीएलओ, सेक्टर/जोनल मजिस्ट्रेट व अन्य उपस्थित शासकीय कर्मचारियों के सहयोग से मतदेय स्थल को स्थापित करेंगे। मतदेय स्थल में, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप, वोटिंग कम्पार्टमेंट ऐसी जगह बनाया जाए, जहां पर मतदान की गोपनीयता बनी रहे। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची की प्रति प्रदर्शित कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि मतदान के डेढ़ घंटे टीम के सभी सदस्य तैयार हो जाए। ईवीएम व मतदान सामग्री की जांच कर लें। मतदेय स्थल पर मतदान कर्मियों को भोजन की व्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्रों में मतदेय स्थलों पर मिड डे मील रसोइयों द्वारा खाने पीने की सुविधा उचित मूल्य पर प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। यह धनराशि संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा पोलिंग पार्टी को मतदेय स्थल पर पहुंच जाने के बाद उपलब्ध करायी जाएगी।
पोलिंग पार्टी के सदस्यों को दी जाने वाली धनराशि के क्रम में पीठासीन अधिकारी को 350 रुपये प्रतिदिन, मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय को 250 रुपये प्रतिदिन भुगतान होगा। इसके अतिरिक्त मतदान के दिन 150 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से देय होगा।
मुख्य विकास अधिकारी व मतदान अधिकारी कार्मिक अखिलेश तिवारी, परियोजना निदेशक, प्रभारी अधिकारी यातायात प्रदीप कुमार पांडेय ने भी अहम जानकारी दी। अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ईशम सिंह, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी महेन्द्र प्रताप ने सैद्धांतिक एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से ईवीएम की व्यवहारिक जानकारी दी गई। साथ ही मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीठासीन अधिकारियों को इवीएम को चलाकर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
प्रशिक्षण दौरान जिविनि संध्या श्रीवास्तव, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी मीनू सिंह, बीएसए डा. कौशल किशोर, जिला समाज कल्याण अधिकारी विपिन यादव, डीपीआरओ भाष्कर दत्त पांडेय, पीओ नेडा राजीव मिश्रा, सहायक बचत निदेशक ओम प्रकाश सोनकर, डीपीओ मनोज कुमार मौजूद रहे।
इससे पूर्व प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पीठासीन अधिकारियों व मतदान अधिकारी प्रथम के रूप में लगे कर्मियों ने कोड संख्या के अनुसार लगे पटलों पर हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज करायी। पटलों पर चुनाव डयूटी प्रमाणपत्र संबंधी प्रारूप 12 ए भी उपलब्ध कराए गए। पटलों पर जय गोविंद धर द्विवेदी, हरिश्चन्द्र पांडेय, इमरान खां, मो. इलियास, ओम प्रकाश पाठक, जमाल अहमद, विनय कुमार उपाध्याय, कमलेश कुमार, योगेन्द्र कुमार यादव, श्याम करन गुप्ता, रिजवान अहमद, के.डी. तिवारी, राजकुमार तिवारी, संदीप सिंह, राकेश पति त्रिपाठी की भूमिका अहम रही।